नयी दिल्ली : अन्तरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना की शुक्रवार को सराहना की। उसने कहा कि यह पर्यावरण को स्वच्छ बनाने तथा महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर करने की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि है। आईईए के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल ने यहां एक सम्मेलन में कहा, ‘‘वर्ष 2020 तक देशभर में एलपीजी उपलब्ध कराना बड़ी उपलब्धि है। यह ऊर्जा का मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक आर्थिक मुद्दा है, सामाजिक मुद्दा है।’’
प्रधानमंत्री ने उत्तरप्रदेश के बलिया में एक मई 2016 को इस योजना की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराकर महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर बनाना है। अभी तक इस योजना के तहत करीब 7.40 करोड़ कनेक्शन दिये जा चुके हैं। योजना के तहत 2020 तक आठ करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
बिरोल ने कहा कि ग्रामीण परिवारों में रसोई में लकड़ी, उपले और दूसरे कृषि अपशिष्टों का इस्तेमाल किया जाने से सांस संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण है। एलपीजी से स्वच्छ पर्यावरण मुहैया कराने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘उज्ज्वला महज ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धि नहीं है बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक उपलब्धि भी है।’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पिछले साल इस योजना की तारीफ की थी। बिरोल ने कहा कि भारत ने पिछले साल सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल किया। जल्दी ही सभी घरों में बिजली पहुंच जाएगी। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2022 तक सौर ऊर्जा एवं अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है। यदि यही रफ्तार रही तो लक्ष्य को संशोधित कर बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही जैव ईंधन के इस्तेमाल पर अधिक जोर देना भी बहुत महत्वपूर्ण है। तेल एवं गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ ही इन कदमों से देश को आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।