– कवि डॉ सुनील कुमार शर्मा को चौथा मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान
कोलकाता । अनहद कोलकाता द्वारा कविताई की शाम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नलिन रंजन सिंह ने की तथा स्वागत भाषण संस्थान के संस्थापक विमलेश त्रिपाठी ने दिया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथि कवियों का सम्मान,ततपश्चात कविता की शाम को सजाने तथा रंगीन बनाने के लिए पहली कवि एवं ग़ज़लकार रचना सरन ने अपने गज़लों से शमा बांध दिया। दूसरे कवि महेश सिंह ने अपनी कविताओं से शासन के विरुद्ध आवाज़ को बुलंद किया। शैलेन्द्र कुमार शुक्ल ने अपनी कविता हिंदी ‘कविता का संक्षिप्त इतिहास’ सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले कवि लक्ष्मी कांत मुकुल ने अपनी लोक चेतना की कविताओं से सभी को मोहित कर दिया।
पूनम सोनछात्रा ने पिता के लिए का पाठ कर शाम को संवेदनशील बना दिया।
युवा कवि संजय रॉय ने अपनी कविताओं से माहौल को गंभीर बनाया तो बेहद चर्चित कवि निशांत की कविताओं व गौतम राज ऋषि ने अपनी ग़ज़लों से खूब तालियां बटोरीं। वरिष्ठ कवि अभिज्ञात, जगदलपुर से आये कवि विजय सिंह ने अपनी कविताओं में जंगल और जमीन की तो वरिष्ठ कवि शैलेंद्र शांत जी ने अपनी कविता किल्लत का पाठ किया । बाँदा से आये केशव तिवारी ने अपनी प्रेम कविताओं से श्रोताओं को न केवल भावुक बनाया वरन ‘कोलकाता’ कविता पढ़कर अपनी गंभीरता भी दर्ज की। कवि एवं वैज्ञानिक गद्यकार डॉ सुनील कुमार शर्मा ने ‘क्या करूँ’ का पाठ कर कवि की प्रतिबद्धता सिद्ध की।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. नलिन रंजन सिंह ने कविताओं एवं आयोजन के बारे में अपनी आलोचकीय एवं ईमानदार वक्तव्य रखा तथा अपनी कविताओं का पाठ कर श्रोताओं का दिल जीत लिया और पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। चौथे मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान की घोषणा केशव तिवारी ने की और सम्मानित कवि डॉ सुनील कुमार शर्मा की रचना और प्रतिबद्धता के पक्ष में अपनी बातें रखीं। विमलेश त्रिपाठी ने सम्मान समारोह के जनवरी या फरवरी में किये जाने की घोषणा की। पूरे कार्यक्रम के आधार स्तम्भ रहे आदित्य विक्रम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। पटना की ज्योति दुबे, सीए राजेश प्रसाद सहित कार्यक्रम में कोलकाता से ढेर सारे साहित्यकार व गणमान्य लोग उपस्थित थे।