अनचाहे संगीत ने शास्वती को दिलायी सफलता

 

इंदौर.ग्वालियर घराने की ख्यात शास्त्रीय गायिका शाश्वती मंडल का टप्पा जर्नी शीर्षक से म्यूज़िक एलबम इंग्लैंड और अमेरिका में लोकप्रिय हुआ था। जिस संगीत के लिए उन्हें वाह-वाही मिली, कभी उससे बचने के लिए उन्होंने अपनी अंगुली तक काट ली थी।

सुबह 4 बजे से रियाज़ कराती थीं मां
मां सुबह 4 बजे से रियाज़ कराती थी और शाम को भी। मैं तब दस साल की थी। एक दिन रियाज़ से बचने के सहेली के घर चली गई। मां ने आवाज़ लगाई तो घर में आकर मैं पलंग के नीचे छिप गई। वहां एक ब्लेड पड़ी मिली और मैंने रियाज़ से बचने के लिए अपनी अंगुली काट ली।

खून देख घबरा गई। मां ने तब बहुत लाड़ और प्यार से मरहम पट्टी की, चुप कराया और फिर कहा-चलो अब, दूसरी अंगुली से तानपुरे पर रियाज़ करो। वे रियाज़ को लेकर बहुत कठोर थी। परीक्षा के दिनों में वे मुझे रात दो बजे उठा देती। रात दो बजे से सुबह 4 बजे तक वे मुझे पढ़ाती और सुबह 4 बजे से संगीत की रियाज़ करातीं।
इंग्लैंड-अमेरिका में लोकप्रिय हुआ टप्पा एलबम
इंग्लैंड की एक कंपनी ने टप्पा को लेकर मेरा म्यूज़िक एलबम रिलीज़ करने की योजना बनाई। मैंने इसमें कुछ पारंपरिक टप्पे गाए। इंग्लैंड के हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के जानकार डेविर रॉबर्ट ने इसमें स्पेनिश म्यूज़िक, दक्षिण भारत के घटम्, मृदंगम और कर्नाटकी वायलिन कलाकारों के साथ मिलकर फ्यूज़न किया। यह इंग्लैंड और अमेरिका में पॉपुलर हुआ क्योंकि उन्होंने खयाल गायन से सुना था लेकिन फ्यूज़न के साथ टप्पा सुनना उनके लिए नया अनुभव था।

सादगीभरे गुरु मिले
मेरी मां के साथ ही मुझे बालासाहेब पूंछवाले जैसे गुरुओं से संगीत सीखने का सौभाग्य मिला। ये ऐसे गुरु थे जिन्होंने मुझे बहुत अपनेपन और गहराई के साथ संगीत की तालीम दी। ये सादगीभरे, गरिमामय और किसी भी तरह की गिमिक्स से दूर थे।

 

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।