यह साल का अंतिम महीना है और हम नये साल की तरफ बढ़ रहे हैं। आने वाला साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। कोविड -19 के टीकाकरण का रिकॉर्ड भले ही हम बना चुके हैं मगर वैक्सीन की दूसरी खुराक अब भी कई लोग नहीं ले रहे हैं। इस बीच ओमिक्रॉन नाम का नया वैरिएंट नया खतरा बनकर सामने आ गया है। ऐसे में जरूरी है कि हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कोरोना सम्बन्धी नियमों का पालन करें। देखा जाये तो पहले की तुलना में कोविड -19 को लेकर पहले की तुलना में अधिक जागरुकता आई है मगर इसे बरकरार भी रखना होगा। यह समय है कि जब हम पीछे मुड़कर देखें कि क्या हमने पाया है और कहाँ हमें सुधार करने की जरूरत है। साल भर किसानों का आन्दोलन छाया रहा। चुनाव को देखते हुए काफी कुछ बदलाव हुए पर जिस तरह से आन्दोलन हुआ या जिस तरह के तरीके अपनाए गये…उसे देखते हुए कहीं न कहीं आन्दोलन के तरीकों पर एक बार फिर से हमें नजर डालनी होगी और यह सिर्फ किसानों के साथ नहीं है बल्कि कहीं भी हो…अराजकता को प्रश्रय देने वाली हर बात को विरोध की प्रक्रिया से दूर रखना होगा। 2021 ने काफी कुछ सिखाया है, यूँ कहें कि हम चुनौतियों से जूझना और इसके बीच चलना सीख रहे हैं तो यह गलत नहीं होगा। अब जरूरी है कि अब जब हम आगे बढ़ें तो पूरे आत्मविश्वास और संयम के साथ बढ़ें और सबसे अधिक जरूरी यह कि जिम्मेदार नागरिक बनें। अगले साल देश की आजादी को 75 साल पूरे होंगे और अमृत महोत्सव के दौरान एक अच्छा नागरिक बनना ही देश के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता होगी।