कोलकाता : भारतीय भाषा परिषद के सभागार में साहित्यिकी संस्था द्वारा महिला दिवस के उपलक्ष्य में कवियित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साहित्यिकी के 28वें अंक के लोकार्पण से हुआ।तत्पश्चात बांग्ला की सुप्रसिद्ध कवयित्री नवनीता देवसेन ने पाणिग्रहण, अंतरा,बाटी टा,एबार आमार ग्रहण करो कोलकाता कविताओं का भाव प्रवण पाठ किया।उन्होंने कहा -कविता ही मेरा पहला और आखिरी भरोसा है। हिंदी भाषा की कवयित्री उमा झुनझुनवाला ने कहा-कोलकाता ने मुझे बनाया है और मुझे यहाँ का एक एक व्यक्ति प्रिय है।उन्होंने एक आम आदमी का संलाप,सत्य क्या है और ऐ औरत कविताएँ सुनाईं। निर्मला तोदी ने मेरे शब्द,अशोक के फूल, रश्मि भारती ने संवेदना,कल्पना झा ने पराजित पिता,सरिता कुमारी ने भई यह कलयुग है, प्रभामयी सामंतराय ने औरत आदि कविताएँ पढ़ीं। सदस्याओं में विनोदिनी गोयनका,कुसुम जैन,किरण सिपानी,विद्या भंडारी,सुषमा हंस, वाणी श्री बाजोरिया, मंजुरानी गुप्ता, उषा श्राफ,वसुंधरा मिश्रा, पूनम पाठक,वाणी मुरारका,नुपुर जायसवाल, मीना चतुर्वेदी,संगीता चौधरी ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन एवं संचालन विद्या भंडारी ने किया।उन्होंने कहा-आज की कविता समय से जुड़ी है। स्वागत किरण सिपानी ने किया । व्यवस्था में सहयोग और सभी को धन्यवाद दिया कुसुम जैन ने। कार्यक्रम में कवि शैलेन्द्र, गीतेश शर्मा, नवल शर्मा,गिरिधर राय,रावल पुष्प, नवरतन भंडारी, नंदलाल शाह जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।