देश लगातार डॉक्टरों के कमी की समस्या से जूझ रहा है। वहीं सरकार इस समस्या से निपटने के लिए प्रयास कर रही है। आश्चर्य में डालने वाली बात यह है कि 29 राज्यों और सात केंद्रशासित प्रदेश वाले देश में सिर्फ 7 ऐसे राज्य हैं जो भारत के लिए दो-तिहाई डॉक्टर्स तैयार करते हैं। इसकी वजह यह है कि इन राज्यों में मेडिकल कॉलेजों की अधिक संख्या और अच्छी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इन आंकड़ों को देखते हुए संसदीय समिति ने यह सिफारिश की है कि जहां जनसंख्या के अनुपात में डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है वहां नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएं। बता दें कि हाल ही में संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि डॉक्टरों के लिए देश में काम करने का न्यूनतम समय निर्धारित किया जाना चाहिए।
समिति ने अपनी सिफारिश में यह भी कहा था कि डॉक्टरों को कम से कम एक साल ग्रामीण इलाके के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए। इस अवधि के बाद ही डॉक्टरों को विदेश जाकर कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 64, 200 मेडिकल कॉलेज हैं। जिसमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तुलना में निजी मेडिकल कॉलेजों के पास ज्यादा सीटें हैं। देश में निजी मेडिकल कॉलेजों में 33,745 (52.6 फीसदी), जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 30,455 (47.4 फीसदी) सीटें हैं।