कोलकाता : शहर की सुपरिचित संस्था 'साहित्यिकी' की ओर से गत 12 जनवरी को भारतीय भाषा परिषद के सभाकक्ष में प्रातः ग्यारह बजे से कविता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कम्प्यूटर वैज्ञानिक एवं कवियत्री वाणी मुरारका ने श्रोताओं को हिन्दी कविता के लिए निर्मित अनोखे सॉफ़्टवेयर 'गीत- गतिरूप ' से परिचित करावाया। यह सॉफ़्टवेयर छंदबद्ध और मुक्त- छंद की कविता व गजल लिखने में सहायक है। वाणी मुरारका ने 'छंद' में लिखने की सरल विधा के बारे में बताते हुए यह भी स्पष्ट किया कि व्यक्ति अपने अंदर छिपे हुए नैसर्गिक लय व छंद से कैसे परिचित हो सकता है।
कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही।संगीत की धुन पर काव्य -सृजन की विधि भी बताई गई। सहभागियो ने तत्काल कविता रचकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। कवि अज्ञेय,दिनकर,बच्चन,दुष्यन्त आदि कवियो की काव्य पंक्तियों के उदाहरण के माध्यम से वाणी ने बताया कि छंद में कैसे सहजता से लिखा जा सकता है। वाणी के साथ छंद के प्रवाह में बहते हुए सभा में उपस्थित सभी उम्र के सहभागियों ने कविता की कार्यशाला में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। सहभागियों ने यह भी कहा की इस तरह की कार्यशालाएं समय समय पर आयोजित की जानी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सहसचिव रेणु गौरीसरिया ने किया एवं अध्यक्ष कुसुम जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया। आशा जायसवाल ने विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया।