यह साल का ऐसा समय है जबकि हम साथ मिलकर परिवार और दोस्ती के जज़्बे का जश्न मनाते हैं। यह साल का ऐसा भी समय है जबकि हम अंदर-बाहर की सफाई करते हैं जिसका लक्ष्य होता है, “पुराने को विदा, नए का स्वागत।” भारत में त्योहारी मौसम आम तौर पर अक्तूबर अंत से शुरू होकर साल के आखिर तक चलता है और ख़रीदारों तथा दुकानदारों के लिए बहुत अच्छा मौका होता है। इस पवित्र मौके पर घर सजाये जाते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान होता है, नये कपड़े खरीदे जाते हैं और नए उपकरण, गैजेट, यहाँ तक कि वाहन भी लिए जाते हैं।
साल का यह समय ऑनलाइन ख़रीदारी उत्सव का भी होता है जो इस त्योहारी उत्साह की मांग पूरी करते हैं। इस साल विशेष तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग का विशेष तौर पर प्रसार हुआ है क्योंकि कोरोना वाइरस के डर से लोग घर के बाहर नहीं निकल रहे और दुकानों पर जाकर ख़रीदारी करने से बच रहे हैं। मीडिया में आई रपट के मुताबिक लगभग 85 प्रतिशत लोग ऑनलाइन शॉपिंग पसंद करते हैं।
मौजूदा ऑनलाइन शॉपिंग उत्सव की सफलता का श्रेय लोगों में लॉकडाउन आदि की वजह से जमा मांग और वायरस को त्योहारी मौसम को प्रभावित न करने देने और परंपरा का पालन करने की दृढ़ता हो दिया जा सकता है।
सोने की ऑनलाइन ख़रीदारी
त्योहारी मौसम में एक जो पवित्र काम होता है वह है किसी भी रूप में सोने की ख़रीदारी। पारंपरिक तौर पर लोग सोना जेवरात और सोने के सिक्के के रूप में खरीदना ज़्यादा पसंद करते हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में डिजिटल फ़ारमैट में सोने की मांग में बढ़ोतरी दिखी है।
सोने को हमेशा महत्वपूर्ण खर्च के तौर पर देखा जाता है और इसके लिए बहुत योजना बनाने की ज़रूरत होती है। लेकिन डिजिटल सोने की सुविधा है कि यह कम राशि और अपनी सुविधानुसार मात्रा में ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
सोने के जेवरात खरीदने का अर्थ है कि इसमें बनाने का शुल्क भी शामिल होता है और इसके साथ सुरक्षा की चिंता भी जुड़ी होती है। ये इकाइयां सोने के जेवरात के विपरीत कम मात्रा की होती हैं। साथ ही डिजिटल सोना जिस तरह की तरलता प्रदान करता है वह बहुत सुविधाजनक है क्योंकि निवेशकों के लिए इसे रीडीम करना बैंक से पैसे निकालने की तरह आसान है।
गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स
डिजिटल फ़ारमैट में सोना गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड ऑफ फंड्स से भी खरीदा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड हैं जो स्टॉक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध हैं। ये ईटीएफ सोने की रीयल टाइम कीमत का अनुसरण करते हैं और इनकी इकाइयां शेयर की तरह खरीदी तथा बेची जा सकती हैं। ईटीएफ सोना रखने का सुविधाजनक और दक्ष माध्यम है।
दीर्घकालिक स्तर पर ठोस सोने की कीमत हमेशा बढ़ेगी। हालांकि, महामारी के कारणवैश्विक वृद्धि के बारे में हाल में पैदा अनिश्चितता के बीच सोने की मांग बढ़ी है जिससे कीमत में इज़ाफ़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में गोल्ड ईटीएफ खरीदना सोना खरीदने के मुक़ाबले ज़्यादा सस्ता है।
मसलन, एक ग्राम सोने की कीमत करीब 4,500-5,000रुपए के बीच होगी जबकि यदि आप गोल्ड ईटीएफ़ में निवेश करना चाहें तो 1,000 रुपए तक का भी निवेश कर सकते हैं। जिनके पास डीमैट खाते नहीं हैं उनके लिए गोल्ड फंड ऑफ फंड्स निवेश का अच्छा विकल्प हो सकता है। ये फंड गोल्ड ईटीएफ़ में निवेश करते हैं और म्यूचुअल फंड जैसे परिचालन करते हैं। आप इनमें एकमुश्त निवेश या 500 रुपए तक की एसआईपी के जरिये भी निवेश से कर सकते हैं।
सुविधा के अलावा सोने में निवेश से आपके निवेश पोर्टफोलियो में विविधता आती है। अच्छे पोर्टफोलियो में विभिन्न किस्म की परिसंपत्तियों का मिश्रण होना चाहिए ताकि अधिकतम मुनाफा दर्ज़ हो सके और जोखिम कम हो सके। परिसंपत्ति के तौर पर सोना मुद्रास्फीति के जोखिम और इक्विटी एवं ऋण जैसे अन्य परिसंपत्ति वर्गों द्वारा पेश विभिन्न किस्म के जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है। सोना भू-राजनैतिक जोखिमों से बचाव का अच्छा रास्ता है। चाहे महामारी हो या व्यापार संघर्ष या तेल की कीमतों में अप्रत्याशित बदलाव की स्थिति, सोना ही है जो ज़्यादातर देशों की रक्षा करता है और यही वजह है कि सोने की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर है।
भारतीयों के लिए सोना परंपरा, धन के प्रति प्रेम और निवेश का मिलाजुला रूप है। यह परिवार की विरासत का हिस्सा है और परिसंपत्ति तथा प्रगति का संकेत है। इसलिए फैशन, गैजेट, और एलईडी टीवी पर बेपनाह खर्चते हुए डिजिटल गोल्ड में भी कुछ पैसे खर्च करें और अपने भविष्य को शानदार बनाएँ।