बोस्टन : महात्मा गांधी का लिखा पत्र अमेरिका में 6 हजार 358 डॉलर (करीब 4 लाख 59 हजार रुपए) में नीलाम हुआ। इस पत्र में गांधीजी ने चरखे की अहमियत बताई है। पत्र में तारीख नहीं लिखी है। अमेरिका के आरआर ऑक्शन ने इस बात की जानकारी दी। चरखा खरीदने वाले की पहचान उजागर नहीं की गई है।
गांधीजी द्वारा यह पत्र गुजराती में यशवंत प्रसाद नामक व्यक्ति को लिखा गया था। इसमें हस्ताक्षर के रूप में बापू का आशीर्वाद लिखा गया है। गांधीजी ने यह भी लिखा कि मिलों में जो हुआ, उससे क्या उम्मीद करनी चाहिए। हालांकि, आप जो कह रहे हैं वह सही है।पत्र में गांधीजी ने लिखा- चरखा मैंने इसलिए अपनाया क्योंकि यह आर्थिक आजादी का प्रतीक है। दौरान गांधीजी लोगों को चरखा चलाने के लिए प्रेरित करते थे ताकि आजादी के आंदोलन को समर्थन मिल सके।
स्वदेशी आंदोलन के दौरान गांधीजी ने लोगों से अंग्रेजी कारखाने में बने कपड़े के बजाय खादी पहनने की अपील की थी। दक्षिण अफ्रीका से गांधीजी के आने के बाद से चरखा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का प्रतीक बन गया।