कोलकाता । “रंग अड्डा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रंगमंच से जुड़ी बारीकियों को बताने के साथ-साथ रंगमंच से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति, नाटककार, निर्देशक आदि के बारे में बताना भी है l स्कूल तथा कॉलेज में नाटक भी कहानी कि तरह ही पढ़ाया जाता रहा है l नाटक के प्रति रुचि पैदा करना भी रंग अड्डा का उद्देश्य है” कहती हैं वरिष्ठ रंगकर्मी और लिटिल थेस्पियन की निर्देशिका, संस्थापिका उमा झुंझुनवाला | गत 23 जून रविवार 2024, को सुजाता देवी विद्या मंदिर हाजरा के प्रांगण में लिटिल थेस्पियन का 24वां रंग अड्डा सम्पन्न हुआ l जून माह का रंग अड्डा भुवनेश्वर, मुद्राराक्षस, देवेन्द्र राज अंकुर, सुरेश भारद्वाज और विष्णु प्रभाकर पर केंद्रित था l विष्णु प्रभाकर के एकांकियों में लोकतान्त्रिक स्वर की अनुगूँज विषय पर आलेख पाठ सीमा शर्मा ने लिखा था जिसका पाठ उनकी अनुपस्थिती में पार्वती कुमारी शॉ ने किया l मुद्राराक्षस के नाटक आला अफ़सर पर आलेख राधा कुमारी ठाकुर ने प्रस्तुत किया l कहानी के रंगमंच की अवधारणा और देवेंद्र राज अंकुर पर आलेख पाठ सुधा गौड़ ने प्रस्तुत किया l सुरेश भारद्वाज पर एक साक्षात्कार पर संक्षिप्त चर्चा संगीता व्यास ने प्रस्तुत किया l भुवनेश्वर के नाटक ताम्बे का कीड़ा का अभिन्यात्मक पाठ संगीता व्यास, हीना परवेज, पार्वती कुमारी शॉ, राधा कुमारी ठाकुर, इंतखाब वॉरसी, दानिश वारिस खान, , मो. आसिफ़ अंसारी ने किया l 24वें रंग अड्डे का संचालन पार्वती कुमारी शॉ ने किया l अंत में उमा झुंझुनवाला ने घोषणा की 25 वा रंग अड्डा (सिल्वर जुबली) बड़ी धूम धाम से तथा बड़े पैमाने पर मनाया जायेगा जिसमें चर्चित नाटककार, निर्देशक तथा नाटक से जुड़े व्यक्तित्व को शामिल किया जायेगा तथा उनके द्वारा थिएटर कार्यशाला करवायी जायेगी, जिससे नाटक के प्रति प्रेम रखने वालों को लाभ होगा l यह कार्यक्रम दिन भर चलेगा l इसमें एक पुस्तक भी आएगी जिसमें अभी तक के रंग अड्डे में प्रस्तुत आलेखों का संकलन होगा l