नाटक ‘रूहें’ एक राज्य की अस्थिरता और उसके गौरव की कहानी है। इसमें कई परतें हैं जो संघर्ष के विभिन्न रंगों को दर्शाती हैं – अतीत और वर्तमान के बीच संघर्ष, सही और गलत का संघर्ष, अभिजात वर्ग के खिलाफ लोकतंत्र का संघर्ष। यह नाटक विभिन्न भावनाओं और मानवीय संघर्षों का एक ऐसा कोलाज है जिसमें केंद्र में एक शाही कब्रिस्तान है जहां लंबे समय से गुमशुदा अतीत की कई आत्माएं बाहर आने के लिए संघर्ष कर रही हैं और वहीँ दूसरी ओर वर्तमान मौजूदा हालातों से निपटने की कोशिश में लगातार संघर्षरत है क्योंकि वो जानता है “नफ़रत से कभी भी ख़ुशी हासिल नहीं हो सकती” । नाटक का लेखन और निर्देशन एस.एम अजहर आलम ने किया है। आपके लिए नाटक की एक झलक…