रजनीकांत को मिला दादासाहब फाल्के पुरस्कार
67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन विज्ञान भवन में किया गया। विजेताओं को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने स्वर्ण कमल एवं रजत कमल, शॉल और ईनाम की राशि देकर सम्मानित किया। मनोज बाजपेयी, कंगना रणौत और धनुष को बेहतरीन अभिनय के लिए सम्मानित किया गया। छिछोरे को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला। सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म छिछोरे के निर्देशक नितेश तिवारी को सम्मानित किया गया। 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा मार्च 2021 में की गई थी। कंगना अपने मां और पिता के साथ अवॉर्ड लेने पहुंचीं। सुपरस्टार रजनीकांत को 51वें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान विज्ञान भवन में मौजूद सभी लोगों ने उनके लिए खड़े होकर तालियां बजाईं।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – कंगना रणौत
अभिनेत्री कंगना रणौत को एक बार फिर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। उन्हें 25 जनवरी 2019 में रिलीज हुई मणिकर्णिका और 24 जनवरी 2020 में आई पंगा के लिए सम्मानित किया गया।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – मनोज वाजपेयी
मनोज वाजपेयी को भोंसले के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवॉर्ड मिला है। देवाशीष मखीजा द्वारा लिखित और निर्देशित ड्रामा फिल्म में मनोज वाजपेयी की भूमिका को लेकर उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है।
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता – विजय सेतुपति
दक्षिण के अभिनेता विजय सेतुपति को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। उन्हें तमिल फिल्म ‘सुपर डीलक्स’ के लिए सम्मानित किया गया, जो 29 मार्च 2019 में रिलीज हुई थी। त्यागराजन कुमार राजा ने फिल्म को निर्देशित किया था।
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री– पल्लवी जोशी
‘द ताशकंद फाइल्स’ में प्रभावशाली किरदार निभाने के लिए दक्षिण अभिनेत्री पल्लवी जोशी को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ा गया है। विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित यह फिल्म 12 अप्रैल 2019 में रिलीज हुई थी। 4 करोड़ के बजट वाली इस फिल्म ने 20 करोड़ से ज्यादा का बॉक्स ऑफिस कमाई की।
सर्वश्रेष्ठ बॉयोग्राफिकल फिल्म – एलिफेंट डू रिमेम्बर
स्वाती पांडे द्वारा निर्देशित ‘एलिफेंट डू रिमेम्बर’ ने बेस्ट बॉयोग्राफिकल फिल्म के लिए पुरस्कार जीता है।
अन्य पुरस्कार –
सर्वश्रेष्ठ फिल्म फ्रेंडली स्टेट – सिक्किम
सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ किताब – संजय सूरी द्वारा रचित ‘अ गांधियन अफेयर: इंडियाज क्यूरियस पोरट्रायल ऑफ लव इन सिनेमा’
सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक – सोहिनी चट्टोपाध्याय
फीचर फिल्म्स
विशेष उल्लेखनीय – बिरयानी (मलयालम), जोनाकी पोरुआ (असमिया), लता भगवान कारे (मराठी), पिकासो (मराठी)
सर्वश्रेष्ठ तुलु फिल्म – पिंजारा
सर्वश्रेष्ठ पनिया फिल्म – केंजीरा
सर्वश्रेष्ठ मिशिंग फिल्म – अनु रुवाद
सर्वश्रेष्ठ खासी फिल्म – लेवदह
सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फिल्म – छोरियां छोरों से कम नहीं होती
सर्वश्रेष्ठ छत्तीसगढ़ी फिल्म – भुलान थे माजे
सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म – जर्सी
सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म – असुरन
सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म – छिछोरे
सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म – बार्दो
सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फिल्म – गुमनामी
गैर फीचर फिल्म श्रेणी
सर्वश्रेष्ठ वाचन – वाइल्ड कर्नाटक, सर डेविड अटेन्बर्ग
सर्वश्रेष्ठ सम्पादन– शट अप सोना, अर्जुन गौरीसराई
सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा – राधा, ऑल्विन रेगो और संजय मौर्या
सर्वश्रेष्ठ ऑन-लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट – रहस, सप्तर्षि सरकार
सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी – सोनसी, सविता सिंह
सर्वश्रेष्ठ निर्देशन– नॉक नॉक नॉक, सुधांशु सरिया
पारिवारिक मूल्य – ओरू पाथिरा स्वपनम पोले (मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ शार्ट फिक्शन फिल्म – कस्टडी
विशेष ज्यूरी पुरस्कार – स्मॉल स्केल सोसायटीज
सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म – राधा
सर्वश्रेष्ठ खोजी फिल्म – जक्कल
सर्वश्रेष्ठ एक्सप्लोरेशन फिल्म – वाइल्ड कर्णाटक
सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक फिल्म – एपल्स एंड ओरांजेस
सामाजिक मुद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म – होली राइट्स, लाडली
सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन अवॉर्ड
स्टंट – अवाने श्रीमन्नारायण (कन्नड़)
सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी – महर्षि (तेलुगू)
सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स – मरक्कर
सर्वश्रेष्ठ जूरी पुरस्कार – ओत्था सेरुप्पू साइज- 7 (तमिल)
सर्वश्रेष्ठ गीत – कोलम्बी (मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ पटकथा
मौलिक पटकथा – ज्येष्ठोपुत्री
किसी रचना पर आधारित सर्वश्रेष्ठ पटकथा – गुमनामी
सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन – द ताशकंत फाइल्स
सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी – जल्लीकट्टू
सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका – बार्दो
सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक – बी प्राक, केसरी, तेरी मिट्टी