यूनिसेफ के साथ प्रियंका चोपड़ा ने छेड़ी बच्चों को आगे बढ़ाने की मुहिम

हाल ही में दिल्ली मे यूनिसेफ की गुडविल एम्बेस्डर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने यूनिसेफ द्वारा प्रयोजित ” एक न्याय संगत शुरुआत सभी बच्चों के लिए ” नामक मुहिम की शुरुआत की।  इस अवसर पर पत्रकारों और युवा लड़कियों  के सवालों का जबाब देते हुये अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि लड़कियों के साथ भेद – भाव का सबसे बड़ा कारण ” मानसिक सोच ” हैं।  गलत मानसिक सोच के तहत ही हम ये सोचते हैं कि लड़के लड़कियों से बेहतर हैं , लड़कों से मुखाग्नि लेकर ही परिवार का वंश आगे बढ़ सकता हैं।  ये सारे मानसिक सोच ही हमे पीछे धकेलते है और यही सोच ही समाज मे भेदभाव पैदा करता हैं।  उनोहने कहा कि हम अपने आस -पास के माहौल मे भी लड़कियों की शिक्षा मे योगदान दे सकते है जैसे अपने ड्राइवर , घरेलू कर्मचारी के बच्चों को पढ़ा कर।  जरूरी नहीं कि  हम सारी दूनिया को बदल पाये पर जितना योगदान हम अपने अगल- बगल कर सकते है उतना तो जरूर करे।   इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि लुईस जॉर्ज ने कहा कि हमारे पास साफ तौर से मुख्य चुनाव हैं कि या तो हम जो बच्चे पिछड़ गये हैं उनके विकास मे अपना योगदान करे या फिर 2030 मे एक ज्यादा विभाजित और असमान समाज का सामना करे।   एक अँकड़े के मुताबिक अभी 61 लाख बच्चे भारत मे स्कूल से बाहर हैं।  करीब एक करोड़ बच्चे काम मे लगे हैं , 3500 बच्चे रोज मर रहे हैं पांच वर्ष की उम्र से पहले।  भारत मे 42 % जनजातीय बच्चे अविकसित हैं।  भारत  लड़कियाँ भी समान अवसर की हकदार है पर 22 लाख से भी ज्यादा लड़कियों की शादी कम उम्र मे कर दी जाती हैं।

 

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