हमारे देश में आमतौर पर बच्चे को दूध पिलाने का काम मां का ही माना जाता है। पिता बच्चे को घुमाने ले जा सकते हैं, उसके साथ खेल सकते हैं लेकिन दूध पिलाना…ये तो मां का ही काम है।
कुछ घरों में तो ये काम भी मां के ही हिस्से होते हैं। बच्चों की देखभाल नहीं कर पाने के पीछे ज्यादातर मर्द दलील ये देते हैं कि उनके पास समय नहीं है। उन्हें ऑफिस का काम करना है. फाइल निपटानी है. कर्मचारियों के काम पर नजर रखनी है। इतना कहकर वो बच्चे के प्रति अपनी हर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेते हैं. तो क्या इसका मतलब फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग काम नहीं करते?
जकरबर्ग ने बीते दिन अपनी बेटी मैक्स के साथ एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वो अपनी बेटी को गोद में लेकर बॉटल से दूध पिला रहे हैं। ये तस्वीर आपको इमोशनल कर सकती है। साथ ही उन पुरुषों को एक संदेश भी देती है कि बच्चे की परवरिश सिर्फ मां की नहीं, पिता की भी जिम्मेदारी है. काम अपनी जगह है लेकिन उसके लिए बच्चे की अनदेखी नहीं की जा सकती है।
जकरबर्ग ने इस तस्वीर को कैप्शन दिया है- ‘Most important meeting of the day. #LeanInTogether’
कैप्शन का हैशटैग शेरिल सैंडबर्ग के लीन इन टूगेदर मूवमेंट के संदर्भ में हैं। लीन इन टूगेदर का उद्देश्य पुरुषों को ये दिखाना है कि वो अपनी पत्नी, बेटी और सहकर्मियों को आगे बढ़ने में किस तरह मदद कर सकते हैं।जकरबर्ग की बेटी मैक्स चार महीने की हो चुकी है. जिसके जन्म के बाद जकरबर्ग ने । दो महीने की पैटरनिटी लीव ली थी.बेटी के जन्म के बाद से जकरबर्ग ने अपनी और मैक्स की कई तस्वीरें शेयर की हैं। किसी तस्वीर में वो बच्ची की नैपी बदल रहे हैं तो किसी में बच्ची को तैरना सिखा रहे हैं।
फेसबुक और जकरबर्ग की कामयाबी किसी से छिपी नहीं है लेकिन बीते चार महीनों में जकरबर्ग का जो चेहरा दुनिया के सामने आया है वो दुनियाभर के पुरुषों के लिए एक मिसाल है.।