मजबूरी है या सुधर रही है युवा पीढ़ी ? अब ‘थोड़ी थोड़ी’ पीने लगी हैं हमारी युवा पीढ़ी

लोकनाथ तिवारी

वर्ष 2021 समापन की ओर है। कार्यालय में सहयोगियों के बीच पार्टियां, क्रिसमस लंच और नये साल के समारोहों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस मौके पर युवाओं को शराब पीने का भरपूर मौका मिलता है। लेकिन इस सदी की शुरुआत के बाद से कुछ अप्रत्याशित हुआ है। ऑस्ट्रेलिया, यूके, नॉर्डिक देशों और उत्तरी अमेरिका में युवा अपने माता-पिता, जब वह उनकी उम्र के थे, की पीढ़ी की तुलना में औसतन काफी कम शराब पी रहे हैं।
कोविड लॉकडाउन के दौरान, कुछ सर्वेक्षणों से पता चलता है कि इस रूख में और भी गिरावट आई है। शोध से पता चलता है कि इस बात की संभावना तो कम ही है कि युवाओं के शराब पीने में कटौती का यह चलन सरकारी प्रयासों के कारण आया होगा। व्यापक सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन इन गिरावटों की वजह लगते हैं।
कई देशों में युवा लोगों के साथ साक्षात्कार-आधारित अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं ने युवाओं में शराब पीने में गिरावट के चार मुख्य कारणों की पहचान की है।
ये हैं: अनिश्चितता और भविष्य के बारे में चिंता, स्वास्थ्य के बारे में चिंता, प्रौद्योगिकी और अवकाश में परिवर्तन, और माता-पिता के साथ संबंधों में बदलाव।
अनिश्चित भविष्य
आज विकसित देशों में युवा होना पिछली पीढ़ियों की तुलना में बहुत अलग है। जलवायु परिवर्तन से लेकर करियर की योजना बनाने और घर खरीदने में सक्षम होने तक, युवा जानते हैं कि उनका भविष्य अनिश्चित है।
अकादमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव बहुत पहले से शुरू हो जाता है और मानसिक अस्वस्थता की दर बढ़ रही है।
कई युवा भविष्य के बारे में उन तरीकों से सोच रहे हैं जिनके बारे में सोचने की पिछली पीढ़ियों को आवश्यकता नहीं थी। वे अपने जीवन पर नियंत्रण की भावना हासिल करने और उस भविष्य को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं जिसकी वे आकांक्षा रखते हैं।
कुछ दशक पहले, नशे में होना कई युवा लोगों द्वारा वयस्कता में पहुंचने की निशानी के रूप में व्यापक रूप से माना जाता था और काम और अध्ययन की दिनचर्या से समय निकालने का एक अच्छा तरीका था।
अब, युवा लोगों को कम उम्र में जिम्मेदार और स्वतंत्र होने का दबाव महसूस होता है और कुछ लोग शराब की आदत न लग जाए इस डर से कम पीते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो वह खुद पर से अपना नियंत्रण खो देंगे जो उनके भविष्य की योजनाओं को खतरे में डाल देगा।
भविष्य की योजनाओं पर इस जोर का मतलब है कि युवा पार्टी और शराब पीने में कितना समय बिताना है, उसकी एक सीमा तय करके रखते हैं।
युवा हैं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक
युवा लोगों के लिए स्वास्थ्य और सेहत के प्रति महत्व भी तेजी से बढ़ता प्रतीत होता है।
15-20 साल पहले के शोध में पाया गया कि उस समय के युवा लोग ज्यादा शराब पीने से होने वाले प्रभावों (उल्टी, बेहोशी) को सकारात्मक रूप से देखते थे या उसे ज्यादा महत्व नहीं देते थे।
हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि इस संबंध में युवाओं का रवैया बदल गया है। अब युवा शराब पीने से मानसिक स्वास्थ्य को होने वाली हानि और इसके लगातार इस्तेमाल से सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं।
हालाँकि, ऑस्ट्रेलियाई और स्वीडिश शोध में यह भी पाया गया कि कुछ युवा शराब पीने के सामाजिक लाभों को अपने लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
हालांकि, कई युवाओं ने शराब की मध्यम खपत पर जोर दिया, जबकि 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में लोग जमकर पीते थे।
क्या होगा यदि मेरे नियोक्ता ने देख लिया तो?
प्रौद्योगिकी ने, शराब पीने के विरोधाभासी प्रभावों के साथ, युवाओं के सामाजिकरण का स्वरूप बदल दिया है।
सोशल मीडिया शराब कंपनियों को अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नए (कम विनियमित) रास्ते प्रदान किए हैं। किसी पार्टी में जश्न मनाते हुए एक ड्रिंक के साथ सोशल मीडिया पर दिखना एक सामान्य बात है।
फिर भी, युवा अपनी ऑनलाइन छवियों को प्रबंधित करने में भी सावधानी बरतते हैं।
हमारे शोध में पाया गया कि युवा इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सोशल मीडिया (जैसे दोस्त, परिवार और भविष्य के नियोक्ता) पर उनकी तस्वीरें कौन देख सकता है, जो इस पीढ़ी के लिए अपनी तरह का नया जोखिम है।
इंटरनेट युवा लोगों को संभावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करता है, जिसमें नए दृष्टिकोण शामिल हैं जिससे वे शराब पीने की बजाय कोई बेहतर विकल्प चुन सकें।
यह सामाजिक विकल्प भी प्रदान करता है जिसमें वीडियो गेम और अन्य डिजिटल मीडिया सहित शराब पीने की संभावना कम होती है।
पारिवारिक रिश्ते बदलना
किशोरों की परवरिश और शराब के लिए उनके परिचय को प्रबंधित करने की शैलियाँ एक पीढ़ी के दौरान अधिक विकसित हुई हैं।
कई माता-पिता अपने बच्चों की नाइट आउट के दौरान निगरानी करते हैं और पिछली पीढ़ियों की तुलना में उनके पीने की अधिक बारीकी से निगरानी करते हैं, जो अधिकांश युवा लोगों के मोबाइल फोन के द्वारा संभव है।
युवक भी अपने माता-पिता के साथ अब अधिक समय बिताते हैं, परस्पर संवाद पर आधारित अधिक बेहतर संबंध विकसित करते हैं जो उनके शराब पीने और विद्रोह करने की आवश्यकता को कम करते हैं।
शराब पीना अब ‘कूल’ नहीं रहा
ऐसे कई अन्य कारण भी हैं जिनकी वजह से युवा लोग शराब की खपत को सीमित करते हैं, जिसमें संस्कृति और धार्मिक जुड़ाव, स्वास्थ्य की स्थिति और व्यक्तिगत प्रेरणा शामिल हैं।
कुल मिलाकर, इन परिवर्तनों का मतलब है कि बहुत से युवा अब नशे में झूमने को ‘‘कूल’’ नहीं मानते हैं और अब इसे स्वतंत्रता और वयस्कता की प्रमुख निशानी के रूप में नहीं देखते हैं। शराब का सेवन कम मात्रा में करने के साथ-साथ युवा लोगों में शराब का सेवन अधिक सामाजिक रूप से स्वीकृत हो गया है।
बेशक, कुछ युवा बहुत अधिक पीना पसंद करते रहेंगे और क्रिसमस तथा नए साल की पूर्व संध्या जैसी छुट्टियों के आसपास शराब के नशे में झूमते दिखाई देंगे।
लेकिन यह तो तय है कि युवा लोगों में शराब की खपत कम करते रहने का चलन अगर चलता रहा तो यह उनके अपने जीवन के व्यापक संदर्भों की वजह से है, उनकी सरकारों द्वारा लागू की गई नीतियों के कारण नहीं।

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