भवानीपुर कॉलेज में मजरूह सुल्तानपुरी की याद में गजलों भरी शाम

कोलकाता । भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बुक रिडिंग सेशन के अंतर्गत उर्दू साहित्य के शायर और फिल्मों के गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को ग़ज़ल कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए ग़ज़ल विधा पर चर्चा की गई और उनके गीतों को गाया गया। उनकी मशहूर ग़ज़ल ‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर /लोग आते गए और कारवाँ बनता गया’ थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में अन्य शायरों के गीतों को भी गाया गया।
उर्दू साहित्य के शायर और फिल्मों के गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने अपने जीवन के छह दशकों में 350 फिल्मों में 2000 से भी अधिक गाने लिखे। मजरूह साहब की फिल्मों के बहुत से गाने लगभग हिट रहे। तीसरी मंजिल, तीन देवियाँ, ज्वेल थीफ आदि के बेहतरीन गानों के लिए अवार्ड भी मिले और पहले गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को 1993 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सम्मानित हुए।
इस कार्यक्रम के मेहमानों में प्रसिद्ध युवा पीढ़ी की ग़ज़लकारा स्वाति वर्धन जो नई कविता और गजलों की कमपोजर और गायिका ने अपने गीतों को गाया। डॉ अभिज्ञात हिंदी साहित्यकार, कवि, लेखक, गजलकार और पेशे से पत्रकार, हिंदी और बांग्ला की कई फिल्मों में अभिनय , भोजपुरी गीतकार ने ग़ज़ल विधा की बारिकियों पर चर्चा की और अपनी ग़ज़लें भी सुनाई जिसे बहुत पसंद।किया गया। किस्सा गोई और थियेटर पर्सनालिटी पलाश चतुर्वेदी ने शेर सुनाए। युवा थियेटर और दस्ताने गोई के बेहतरीन कलाकार ने ग़ज़ल के लिखने के क़ायदे पर अपने अंदाज़ में गजल सुनाई। संगीतज्ञ और युवाओं के लोकप्रिय गायक सौरभ गोस्वामी ने गीत ‘होठों से छू लो तुम’ गाकर सभी श्रोताओं को मुग्ध किया। इस अवसर पर डॉ वसुंधरा मिश्र ने बहादुर शाह जफ़र की ग़ज़ल हमने दुनिया में आके क्या देखा जो भी देखा इक ख़्वाब सा देखा सुनाई। दस से अधिक विद्यार्थियों ने ग़ज़ल कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उज्जवल करमचंदानी,प्रत्युष तिवारी, रवि सिंह, कशिश सॉ, पीटर, देवांग नागर, अर्पिता विश्वास, अंजली अग्रवाल,मुस्कान कोठारी, नम्रता चौधरी आदि कई छात्र- छात्राओं ने गीत और ग़ज़ल सुनाई जिसे सभी ने पसंद करते हुए दाद दी गई।
ग़ज़ल विधा को विद्यार्थी जाने इसलिए इस कार्यक्रम के आयोजन में कॉलेज के डीन प्रो दिलीप शाह ने अपने वक्तव्य में कहा और कार्यक्रम में पूर्ण सहयोग दिया। प्लेसमेंट हॉल में ग़ज़ल गायकों और विद्यार्थियों के शामे – ग़ज़ल के अनुरूप साज- सज्जा का इंतजाम करवाया गया जिसमें जमीन पर गद्दों पर बैठने के इंतजाम के साथ, लाइटिंग, शमां लैंप, झूमर और गुलाब जल का छिड़काव किया गया। कार्यक्रम के पश्चात चाय और नाश्ते का इंतजाम किया गया। संचालन और संयोजन डॉ वसुंधरा मिश्र ने किया।मयंक शर्मा ने काव्य, गीत और ग़ज़ल पाठ के लिए विद्यार्थियों को आमंत्रित किया। क्रिसेंडो, इन एक्ट, आर्ट एन मी के विद्यार्थियों और कार्यक्रम की कोआर्डिनेटर काव्या गुप्ता ने कार्यक्रम के रजिस्ट्रेशन और व्यवस्थाओं में सक्रिय योगदान दिया। प्रातःकालीन कॉमर्स सत्र की कोआर्डिनेटर प्रो मीनाक्षी चतुर्वेदी, प्रो दिव्या उदेशी और समीक्षा खंडूरी का विशेष सहयोग रहा। ग़ज़ल कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।