कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज में शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला आयोजन किया गया जिसमें ‘वर्तमान में समाज और स्त्री की अस्मिता ‘विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। 8 एवं 9 जून को आयोजित कार्यशाला में सत्रह छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। भरतनाट्यम के गुरु पद्मश्री चित्रा विश्वेश्वरन और डॉ पद्मा सुब्रमण्यम की शिष्या अनुसुइया घोष बनर्जी के निर्देशन में छात्राओं ने स्त्री की अस्मिता को एक नए रूप में नृत्य के द्वारा अपनी आवाज को अभिव्यक्ति और भाव से पूर्ण प्रस्तुति को रूप दिया। पितृसत्तात्मक समाज में स्त्री को हमेशा ही अत्याचार सहना पड़ा है। आज तक समाज में उसकी आवाज़ को दबाया गया है। अब स्त्री अपनी अस्मिता को पहचानने लगी है और अब वह अपनी आवाज को बुलंद करती है। वह स्वयं प्रश्न उठाती है और समाज की आवाज बनती है। स्त्री का मानना है कि उसकी लड़ाई वह स्वयं लड़ेगी और समाज के अत्याचारों से लड़ते हुए उसे अपना स्थान बनाना होगा।
नृत्य में भरतनाट्यम, ओडिसी और कत्थक तीनों शास्त्रीय नृत्य के संयोजन को इस नृत्य में आकार दिया गया । इस कार्यशाला में विद्यार्थियों की सहनिदेशक नृत्यांगना संचयिता मुंशी साहा रहीं जिनकी गुरु प्रसिद्ध कोरियोग्राफर अनुसुइया घोष बनर्जी हैं।चेन्नई के गुरुकुल से जुड़ी नृत्य गुरु अनुसुइया दिल्ली, गाजियाबाद में खेतान पब्लिक स्कूल में परफार्मिंग आर्ट की कल्चरल हेड हैं और उन्हें आर्ट इनटिग्रिशन और सी लर्निंग से जुड़े कार्यक्रम में महारत हासिल है।
इस कार्यशाला का आयोजन किया कोआर्डिनेटर प्रोफ़ेसर मीनाक्षी चतुर्वेदी ने और जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।