कोलकाता । भवानीपुर एजूकेशन सोसाइटी कॉलेज के विद्यार्थियों की फिल्म निर्माण में रुचि जगाने के लिए अपने कई समूहों में से एक समूह रील्स को नई पहचान का नाम सेल्युलाइड दिया । 2023 से प्रभावी, बिल्कुल नए कलेक्टिव, ‘सेल्युलाइड’ का गठन भावी फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण के 10 महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे निर्देशन, उत्पादन प्रबंधन, छायांकन और पटकथा लेखन आदि में ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। समूह के संरक्षक, सुप्रोवो टैगोर ने ‘फर्स्ट स्टेप फॉरवर्ड’ नामक एक पहल का आयोजन किया, जिसमें सत्रों की एक श्रृंखला में 30 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जो इस क्षेत्र में कौशल का उपयोग कर एक सफल कैरियर बनाने के लिए सहयोगी सिद्ध होगा। यह प्रसिद्ध उक्ति है एलेजांद्रो गोंजालेज की कि “फिल्म बनाना आसान है; एक अच्छी फिल्म बनाना युद्ध है। एक बहुत अच्छी फिल्म बनाना एक चमत्कार है।”
इसका पहला सत्र एक प्रेरणादायी रहा जो 14 जून को प्लेसमेंट हॉल में हुआ और इसका उद्देश्य छात्रों को सेल्युलाइड के विचारों से परिचित कराना था। इसमें छात्र भविष्य के सत्रों में भाग लेने के लिए उत्सुक दिखाई दिए।
दूसरा सत्र 27 जून को सोसायटी हॉल में हुआ। सभी विद्यार्थियों को 4 लघु फिल्में दिखाई गईं जिनमें डूडलबग, टू, चटनी, और अहिल्या थीं। विद्यार्थी फिल्मों के अनुभव में डूबने और फिल्मों में प्रतिबिंबित विचारों पर ध्यान केंद्रित किया ।
तीसरे सत्र में छात्र छात्राओं द्वारा पिछले सत्र में देखी गई चार लघु फिल्मों पर चर्चा करने और अपनी राय साझा करने के लिए कॉलेज में एकत्रित हुए। इस संवादात्मक सत्र में छात्र छात्राओं ने फिल्म निर्माण पर दूसरों और अपने दृष्टिकोणों पर विस्तार से चर्चा की। अंत में, 7 जुलाई को 4ए में सेल्युलाइड द्वारा आयोजित नवीनतम सत्र में फिल्म ‘बाराका’ की स्क्रीनिंग शामिल थी, जो डेढ़ घंटे की डॉक्यूमेंट्री फिल्म थी जिसमें कोई कहानी नहीं थी और जिसका मुख्य विषय यह था कि फिल्म को कैसे दर्शाया जाए।इस दुनिया में जीवन की त्रासदी और जीवंतता दोनों आपस में जुड़ी हुई हैं।
समय के साथ, सेल्युलाइड समूह का लक्ष्य अधिक से अधिक छात्रों को इसमें सक्रिय भाग लेने और फिल्म निर्माण की कला सीखने के माध्यम से विस्तार करना है। ऐसे और भी कई मनोरंजक सत्र और कार्यक्रम हैं जिनकी मेजबानी और आयोजन के लिए यह समूह तत्पर है। सेल्युलाइड के पहले बैच के विद्यार्थियों को अच्छे फिल्म और थियेटर निर्माण में विशिष्टता प्राप्त गुरु सुप्रोवो टैगोर मिले हैं जिन्होंने उन्हें सिखाने की योजना बनाई है। फिल्मों और वृत्तचित्रों में उनके अद्वितीय दृष्टिकोण को कैसे मूर्त रूप दिया जाए इस कौशल का विकास किया जाएगा । रिपोर्ट दी अनिकेत दासगुप्ता ने और जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।