भवानीपुर एडुकेशन सोसाइटी कॉलेज में सुरक्षा एवं भू राजनीति पर परिचर्चा

सेनेर्स की साझेदारी में बीबीए विभाग द्वारा आयोजन 
कोलकाता : किसी भी पैनल चर्चा का उद्देश्य विशेषज्ञों या उद्योग और विचारकों के समूह के बीच बातचीत को बढ़ावा देना है, ताकि दर्शक उनके वक्तव्यों एवं बातचीत से सीख सकें। भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने ‘सेनेर्स- के’ नामक अनुसंधान केंद्र की भागीदारी एवं सहयोग से परिचर्चा आयोजित की। वैश्विक स्तर, सुरक्षा और भू – राजनीति पर आयोजित इस परिचर्चा का आयोजन गत 27 नवम्बर को कॉलेज के जुबली सभागार में किया गया।
पैनल चर्चा का नाम ‘ऑकस कॉम्प्लिमेंट्स क्वाड 2.0’ रखा गया तथा विषय ‘वैश्विक स्तर, सुरक्षा और भू-राजनीति’विषय पर चर्चा की गयी। इस पैनल चर्चा में पांच विशिष्ट अतिथियों ने हिस्सा लिया। अतिथियों में एयर चीफ मार्शल अरूप राहा, लेफ्टिनेंट जनरल जॉन रंजन मुखर्जी, मेजर जनरल अरुण रॉय, कमोडोर पी.के बनर्जी एवं कॉलेज के डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर (डॉ.) सुमन के. मुखर्जी शामिल हुए ।
एयर चीफ मार्शल अरूप राहा परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट, सेवा पदक और वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा के लिए। वे वर्तमान में सेनेर्स-के, के अध्यक्ष भी हैं। कार्यक्रम की एम सी ख़ुशी सोनी ने अतिथि वक्ताओं का परिचय दिया तत्पश्चात एनसीसी विभाग के केडेटों ने सम्मान पूर्वक उनको मंचासीन किया । पैनल चर्चा की शुरूआत राष्ट्रगान से हुई जिसके बाद सभी माननीय वक्ताओं का विभागीय छात्र अध्यक्ष माधव मोहता ने स्वागत किया। मध्यस्थ का कार्य किया डॉ. सुमन कुमार मुखर्जी ने चर्चा के नियमों और विनियमों से सभी को अवगत कराया ।
पैनल चर्चा के वक्तव्यों से पहले मध्यस्थ डॉ. सुमन कुमार मुखर्जी ने अपने विचार विद्यार्थियों के समक्ष पेश किए। उन्होंने दुनिया का एक अस्थिर, अनिश्चित, जटिल, अस्पष्ट दुनिया में बदलने के उल्लेख के साथ अपनी बातचीत शुरू की। उन्होंने यह भी कहा कि किसी राष्ट्र का विकास न केवल उसके आर्थिक प्रदर्शन पर निर्भर करता है बल्कि उसके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रदर्शन पर भी निर्भर करता है। उन्होंने लिटिल रेड राइडिंग हूड की कहानी साझा करते हुए बताया कि दुनिया व्यापार में आपूर्ति श्रृंखला के मेक टेक डिस्ट्रीब्यूशन और पुन: उपयोग की ओर बढ़ रही है। उन्होंने इस तथ्य को भी साझा किया कि भारत के हर पांच में से एक नागरिक आजादी के पचहत्तर साल बाद भी गरीबी रेखा से नीचे है। उन्होंने यह कहकर अपना भाषण समाप्त किया कि हमारे देश को जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है और भविष्य अनिश्चित है कि हमारा देश विकास की धूप का सामना करेगा या झूठ के अंधेरे में डूब जाएगा।
पैनल चर्चा की शुरुआत प्रथम वक्ता अरूप राहा ने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीतियाँ आधुनिक विचारों के खिलाफ हैं। उन्होंने कोविड महामारी की तुलना तीसरे विश्व युद्ध से भी की। उन्होंने विद्यार्थियों को इस तथ्य से अवगत कराया कि कैसे दुनिया व्यापार के लिए चीन पर निर्भर है और कैसे यह जापानी उन्नत तकनीक की मदद से महाशक्ति के रूप में उभरा। दूसरे वक्ता जे आर मुखर्जी ने भविष्य के आर्थिक विकास में भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से के प्रमुख विकास के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व में चाय, तेल, बांस, खनिज, हॉटीकल्चर, हाइड्रो पावर और कोयले के कई संसाधन हैं। उत्तर पूर्व में केवल म्यांमार के साथ समस्याएं हैं क्योंकि यह चीन की पकड़ में है और बांग्लादेश के साथ उनके इस्लामी मूल सिद्धांतों के कारण। अन्यथा वहां बहुत शांति है।
पैनल में तीसरे वक्ता अरुण रॉय ने वैश्विक व्यापार पर अपने विचार रखे। वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा कि लाइसेंस राज के कारण अमेरिकी व्यवसाय भारत में कैसे टिके नहीं रह सके, कैसे पैसा दुनिया पर राज करता है और कैसे राष्ट्रवाद वैश्विक व्यापार में भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने निकट भविष्य में उत्तर पूर्व क्षेत्र में पारिस्थितिक असंतुलन और व्यापार और विनिर्माण विकास और चीनी उत्पादों के बहिष्कार के माध्यम से हम इसका समर्थन कैसे कर सकते हैं, बताया । उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक बनने की सलाह दी।
पैनल के अंतिम वक्ता पी के बनर्जी ने वैश्विक व्यापार और सुरक्षा के लिए महासागर के महत्व पर बात की थी। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार का 97 प्रतिशत महासागरों के जलमार्गों के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने अपने विशाल महासागर क्षेत्र के कारण भारत के लिए भू-स्थिर अवसरों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि कैसे अभी भी महासागरों का एक बड़ा हिस्सा निगरानी में नहीं है, जिसके कारण ड्रग्स की तस्करी, मानव तस्करी, बंदूक चलाना, आतंकवाद, चोरी, डकैती, अवैध मछली पकड़ना जैसे कार्य हो रहे हैं। उन्होंने हमें अपनी अगली पीढ़ी को स्वच्छ और बेहतर महासागर सौंपने की भी सलाह दी। अंत में, प्रश्नोत्तर सेशन में सभी पैनल अतिथि वक्ताओं ने भारत-चीन संबंधों के संदर्भ में वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और भू-राजनीति पर दर्शकों के सवालों का जवाब दिया।
अंत में, विंग कमांडर विष्णु शर्मा को सम्मानित किया गया। विभागीय छात्र अध्यक्ष देवज्योति बनर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इवेंट मैनेजमेंट टीचर कोऑर्डिनेटर प्रो. कौशिक बैनर्जी और बीबीए इवेंट मैनेजमेंट के छात्र अध्यक्ष देवज्योति बनर्जी और माधव मोहता ने उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम के इवेंट कमेटी हेड, मेहक भइया और सुस्मृति गन तथा उनके सब-कमेटी हेड, दिशा रूपानी, जाह्नवी खणडेर्या एवं अनुशा अकबर ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दिया। कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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