ब्रूस ली का मार्शल आर्ट सिखाती है ये कमांडो ट्रेनर

नई दिल्ली.देश की इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर डॉ. सीमा राव आज लाखों महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं। ये आयरन लेडी 20 सालों से इंडियन आर्मी के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस के कमांडोज को ट्रेनिंग देती आ रही हैं। इस काम में उनके पति दीपक राव भी मदद करते हैं। मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बैल्ट हासिल कर चुकीं सीमा दुनिया के चुनिंदा लोगों में शामिल हैं, जो ब्रूस ली का ‘जीट कून डो’ जानते हैं।

seema03_1469173801

सीमा ने मार्शल आर्ट्स पर बनाई फिल्म…

सीमा मार्शल आर्ट्स पर बनी देश की पहली फिल्म ‘हाथापाई’ की प्रोड्यूसर-डायरेक्टर हैं, इसमें रोल भी किया। वे फायर फाइटर, स्कूबा डाइवर और मिसेज इंडिया वर्ल्ड की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं।

इस सुपर वुमन ने माउंटेनेयररिंग और रॉक क्लाइमिंग में भी कई मैडल हासिल किए हैं। सीमा मिलिट्री मार्शल आर्ट्स में 7-डिग्री ब्लैक बेल्ट होल्डर और कॉम्बैट शूटिंग इंस्ट्रक्टर हैं।

 

मुफ्त में देती हैं कमांडो ट्रेनिंग

– एनएसजी, पैरा स्पेशल फोर्सेस, मारकोस मरीन, गरुड़ कमांडो और पुलिस के जवानों को ट्रेनिंग देती हैं। सीमा और उनके पति दीपक राव जवानों को ट्रेनिंग देने के बदले रूपए नहीं लेते हैं। सीमा के पति करीब 15 हजार जवानों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। एक बार उनकी लाइफ में ऐसा दौर भी आया, जब वे गंभीर आर्थिक तंगी से घिर गए। लेकिन ट्रेनिंग फीस नहीं ली।

फ्रीडम फाइटर फैमिली में हुआ जन्म

सीमा का जन्म एक फ्रीडम फाइटर फैमिली में हुआ। वे प्रोफेसर रमाकांत की बेटी हैं। उन्होंने क्राइसिस मैनेजमेंट कॉलेज से एमबीए की डिग्री ली। पीएचडी होल्डर भी हैं। अपने काम में लगन के चलते सीमा पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाई थीं। एक हमले में गंभीर चोट आने से मजबूत इरादों वाली कमांडो ट्रेनर की कुछ वक्त के लिए याद्दाशत चली गई थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *