-विपिन कुमार पाठक ने की थी इस मंदिर की स्थापना
-वैदिक चिकित्सा से इलाज
मुजफ्फरपुर । बिहार के मुजफ्फरपुर में एक अनोखा मंदिर है, जो वैदिक चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम आरोग्य मंदिर है। यहां बिना दवा के, सिर्फ नस के एक पॉइंट को दबाकर असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है। लोग यहां दमा, कब्जियत, मधुमेह और कई अन्य बीमारियों से छुटकारा पा रहे हैं। यह मंदिर देश ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका है। इसकी स्थापना विपिन कुमार पाठक ने की थी। उनका लक्ष्य था लोगों को स्वस्थ करना। आरोग्य मंदिर, मुजफ्फरपुर के अखाड़ाघाट में स्थित है। यह गायत्री मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। अब यह वैदिक चिकित्सा के कारण आरोग्य मंदिर के नाम से मशहूर हो गया है। यहां उत्तर प्रदेश, झारखंड, मुंबई, और कई अन्य राज्यों से लोग इलाज कराने आते हैं। नेपाल, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से भी लोग यहां गंभीर बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। इस केंद्र में मरीजों को बिना दवा के बीमारियों से छुटकारा मिलता है। आरोग्य मंदिर में कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। इनमें दमा, कब्जियत, मधुमेह, कोलाइटिस, अल्सर, अम्ल पित्त, ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस, एग्जिमा, थायराइड, मोटापा और एलर्जी जैसी बीमारियां शामिल हैं। तनाव, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, घबराहट, जोड़ों के दर्द और चर्म रोगों के इलाज में भी यहां सफलता मिलती है। यहां का प्राकृतिक वातावरण लोगों को रोगों से मुक्ति दिलाता है। इससे लोग बहुत खुश होते हैं और मंदिर की प्रशंसा करते हैं।
आरोग्य मंदिर की स्थापना विपिन कुमार पाठक ने की थी। उन्होंने बताया कि बचपन में उनके छोटे भाई और दादी की असाध्य रोग से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उन्होंने लोगों को स्वस्थ करने का संकल्प लिया। उन्होंने मेडिकल की तैयारी शुरू की, लेकिन आर्थिक समस्या के कारण एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले पाए। विपिन पाठक ने कहा कि अंग्रेजी इलाज सिर्फ महंगा नहीं होता उसकी पढ़ाई भी काफी महंगी होती है जो एक आम इंसान की पहुंच से बाहर है। फिर उन्होंने महाराष्ट्र से न्यूरोथैरेपी की ट्रेनिंग ली। इसके बाद वे अपने घर में ही लोगों का इलाज करने लगे। शुरू में लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लोगों को लगता था कि बिना दवा के सिर्फ हाथों से कोई ठीक नहीं हो सकता। लेकिन जब बीमार लोगों में सुधार होने लगा, तो आसपास के जिलों से भी लोग आने लगे। अब तो दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। विपिन पाठक कहते हैं कि वैदिक चिकित्सा एक प्राचीन और पारंपरिक उपचार पद्धति है। इसमें शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर ध्यान दिया जाता है। यह प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार पद्धति है। यह शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को बढ़ावा देती है। इससे विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज में रोगियों को लाभ मिलता है। विपिन पाठक के अनुसार, वैदिक चिकित्सा में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें दवाइयों का उपयोग नहीं होता। बल्कि, शरीर की ऊर्जा को संतुलित करके रोगों को ठीक किया जाता है।