कोलकाता । पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के बीच एक बड़ा खुलासा सामने आया है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि राज्य के लगभग 34 लाख आधार कार्ड धारक अब ‘मृत’ पाए गए हैं, जबकि करीब 13 लाख ऐसे लोग भी गुजर चुके हैं, जिन्होंने कभी आधार कार्ड बनवाया ही नहीं था। यह जानकारी यूआईडीएआई अधिकारियों और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल के बीच हुई बैठक में साझा की गई। एक अधिकारी ने गुरुवार सुबह बताया कि बैठक का उद्देश्य मतदाता सूची के आंकड़ों के सत्यापन और उसमें संभावित त्रुटियों की पहचान करना था। सीईओ कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग को मृत, काल्पनिक (घोस्ट), अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। ऐसे में यूआईडीएआई से प्राप्त मृत नागरिकों का डेटा मतदाता सूची से इन प्रविष्टियों को हटाने में अहम भूमिका निभाएगा। अधिकारी ने बताया कि नौ दिसम्बर को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, यदि किसी आवेदक का नाम ऐसे आधारधारकों में पाया गया, जो अब जीवित नहीं हैं, तो संबंधित निर्वाचन निबंधक अधिकारी (ईआरओ) उन्हें सत्यापन के लिए तलब कर सकता है। इसके अलावा, अधिकारियों ने बताया कि बैंक खातों से भी सूचना एकत्र की जा रही है, क्योंकि अधिकांश खातों से आधार जुड़ा हुआ है। बैंकों ने ऐसे खातों का विवरण दिया है जिनकी केवाईसी वर्षों से अपडेट नहीं की गई, जिससे उन मृत व्यक्तियों की पहचान आसान हो रही है जिनके नाम अब भी मतदाता सूची में मौजूद हैं। राज्य में इस समय एसआईआर अभियान के तहत घर-घर जाकर बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) नामांकन प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। यह प्रक्रिया वर्ष 2025 की मतदाता सूची के आधार पर चल रही है और इसमें वर्ष 2002 की सूची से प्राप्त आंकड़ों का मिलान भी किया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, बुधवार रात आठ बजे तक राज्य में कुल 6.98 करोड़ यानी 91.19 प्रतिशत नामांकन प्रपत्र वितरित किए जा चुके थे।





