-बहुरेंगे आदिवासी बहुल इलाकों के दिन
कोलकाता। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (जीएसआई) के सर्वे में पश्चिम बंगाल के कई जिलों में संभावित सोने और ज़रूरी मिनरल भंडार की पहचान की गई है। राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य को एक लिखित जवाब में केंद्रीय खनन मंत्रालय ने राज्य में नौ जगहों पर सोने के भंडार की संभावना की पुष्टि की है। पिछले पांच सालों में राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में मैपिंग के तहत कीमती मेटल और रेयर अर्थ एलिमेंट पाये जाने के संकेत मिले हैं। पहचानी गई ज़्यादातर सोने की जगहें अभी शुरुआती स्टेज में हैं।
खोज ज़्यादातर पुरुलिया-बांकुड़ा क्षेत्र पर रही है, जो जंगलमहल इलाके का हिस्सा है। यहाँ शुरुआती जांच में सोने वाली चट्टानें मिली हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये नतीजे झारखंड के साथ इलाके की जियोलॉजिकल नज़दीकी से मेल खाते हैं, जो अपने मिनरल से भरपूर पठार के लिए जाना जाता है।
सोने के अलावा सर्वे ने राज्य में ज़रूरी मिनरल रिज़र्व की ओर इशारा किया है। पुरुलिया में 17 रेयर अर्थ मिनरल की पहचान हुई है। अकेले ज़िले के कालापत्थर-रघुडीह ब्लॉक में लगभग 0.67 मिलियन टन रेयर अर्थ एलिमेंट्स का रिज़र्व है जो ईवी बैटरी, डिफ़ेंस मैन्युफ़ैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ज़रूरी रिसोर्स हैं।
ज्ञात रहे कि 2019 और 2024 के बीच केंद्र ने पश्चिम बंगाल में कम से कम 28 मिनरल तलाश प्रोजेक्ट शुरू किए, जिनके तहत झाड़ग्राम, पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा और पुरुलिया के अलावा दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के कुछ हिस्सों में मैंगनीज़, टंगस्टन, कॉपर और ग्रेफ़ाइट जैसी चीज़ों को खोजना था। पुरुलिया में चार एपेटाइट ब्लॉक — पंकरीडीह, पुरदाहा, चिरुगोड़ा और मेदनीटांड़ — की पहचान की गई है और उन्हें संभावित नीलामी के लिए तैयार किया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में लगभग 12.83 मिलियन टन प्राइमरी गोल्ड ओर है, जो ज़्यादातर पुरुलिया में है। इसमें, अनुमानित गोल्ड मेटल कंटेंट लगभग 0.65 टन (650 kg) है। कर्नाटक की तुलना में इसे लो-ग्रेड माना जाता है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सोने की मौजूदा कीमतों को देखते हुए यह कमर्शियली महत्वपूर्ण बना हुआ है।





