परिवार नियोजन की जिम्मेदारी अब पुरुषों की भी

एक नई पॉलिसी के तहत महिलाओं के सशक्त‍िकरण पर जोर दिया जाएगा। इसमें कई पहलू जोड़े गए हैं. सबसे अहम है परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी।

आमतौर पर देखा गया है कि परिवार नियोजन कार्यक्रमों मे पुरूष नसबंदी का आंकड़ा बहुत कम होता है और परिवार नियोजन का पूरा भार महिलाओं को ही उठाना पड़ता है। लेकिन इस नई पॉलिसी में महिलाओं के साथ पुरूषों को भी परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

इसके अलावा, महिलाओं को साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के गुर भी सिखाए जाएंगे। वहीं उन्हें राजनीति में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी के लिए ट्रेनिंग देना, सिंगल मदर की समस्याओं को पहचानने जैसी खास बातों को इस नई पॉलिसी के ड्राफ्ट में शामिल किया गया है.

नई पॉलिसी को लॉन्च करते समय बाल एव महिला विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि पूरे 15 साल बाद इसे दोबारा बनाया जा रहा है और इन सालों में महिलाओं से जुड़ी हर समस्या, परेशानियां और चुनौतियों मे बदलाव आया है और नई पाॅलिसी का ड्राफ्ट इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर किया गया है।

इस  ड्राफ्ट में महिलाओं के सामने आने वाली कई चुनौतियों को पहचान कर उसे दूर करने की भी चर्चा है। ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीति मे लाने के लिए पंचायत स्तर पर महिलाओ की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। देशभर ने इस समय लगभग 6 लाख पंचायतों में 2 लाख महिला प्रधान हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में काम उनके पति देख रहे हैं मेनका गांधी के अनुसार इन महिला प्रधानों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया गया है। अभी तक 40 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इस पॉलिसी में कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी बात की गई है। कुल मिलाकर इस पॉलिसी में हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने, उनकी नई चुनौतियों को समझने और दूर करने के लिए विस्तार से योजनाएँ हैं।

स्त्रोत – आजतक

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