चैत्र और शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। इन नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है। आओ जानते हैं माता के 9 रूपों का क्या है रहस्य।
1. शैलपुत्री- शैलपुत्री का अर्थ पर्वत राज हिमालय की पुत्री। यह माता का प्रथम अवतार था जो सती के रूप में हुआ था।
2. ब्रह्मचारिणी- ब्रह्मचारिणी अर्थात् जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था।
3. चंद्रघंटा- चंद्रघंटा अर्थात् जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है।
4. कूष्मांडा- ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त करने के बाद उन्हें कूष्मांड कहा जाने लगा। उदर से अंड तक वह अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए है, इसीलिए कूष्मांडा कहलाती है।
5. स्कंदमाता- उनके पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वह स्कंद की माता कहलाती है।
6. कात्यायनी- महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्होंने उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था, इसीलिए वे कात्यायनी कहलाती है।
7. कालरात्रि- मां पार्वती काल अर्थात् हर तरह के संकट का नाश करने वाली है इसीलिए कालरात्रि कहलाती है।
8. महागौरी- माता का रंग पूर्णत: गौर अर्थात् गौरा है इसीलिए वे महागौरी कहलाती है।
9. सिद्धिदात्री- जो भक्त पूर्णत: उन्हीं के प्रति समर्पित रहता है, उसे वह हर प्रकार की सिद्धि दे देती है। इसीलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है।
(साभार – वेबदुनिया)