भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के रूप में अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने शिक्षा जगत में वापस लौटने का फैसला किया है। वह आज यानी 7 दिसंबर को पद छोड़ देंगे। ऐसे में सरकार इस पद पर नियुक्ति के लिए किसी महिला के नाम को प्राथमिकता दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार में तीन महिलाओं के नामों पर मंथन चल रहा है। इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रो. डॉ. पमी दुआ और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की महानिदेशक पूनम गुप्ता के नाम सामने आए हैं। खास बात ये है कि अगर कोई महिला (सीईए) बनती हैं तो फिर देश में यह पहली बार होगा, जब वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार दोनों महिलाएं होंगी। जानिए, कौन हैं (सीईए) पद की दौड़ में शामिल ये 3 महिलाएं।
गीता गोपीनाथ संभाल रही हैं आईएमएफ में बड़ी जिम्मेदारी
गीता गोपीनाथ भारतीय मूल की अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। इस समय वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री हैं। उनका कार्यकाल जनवरी में समाप्त होने वाला था। उन्होंने फिर से हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में लौटने का फैसला भी ले लिया था। लेकिन इससे पहले ही (आईएमएफ) के फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के लिए उनके नाम की घोषणा कर दी गई।
गीता ने कोरोना महामारी से लड़ने में भारत सरकार की जिस तरह से प्रशंसा की है, उसे देखते हुए इस मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। हालांकि अमेरिकी नागरिकता इस राह में रोड़ा बन सकती है। बता दें कि भारतीय मूल की अमेरिकी गीता गोपीनाथ का जन्म 8 दिसंबर 1971 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से एमए की डिग्री के बाद 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी में पीएचडी की पढ़ाई की।
वह साल 2005 में हार्वर्ड में पहुंचीं। 2010 में आइवी-लीग इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर बनीं। उन्हें अंडर 45 कैटेगरी के टॉप 25 इकोनॉमिस्ट में भी नॉमिनेट किया गया। साल 2011 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने गीता को यंग ग्लोबल लीडर भी चुना।
डॉ. पमी दुआ का दुनिया भर में नाम, आरबीआई के लिए भी किया काम
डॉ. पमी दुआ को साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चार वर्ष के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सदस्य नियुक्त किया था। वह इस समिति में पहली महिला सदस्य थीं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। डॉ. पमी भारत की सबसे सम्मानित मैक्रोइकोनॉमिक्स प्रोफेसरों में से एक है। वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में डायरेक्टर, रिसर्च काउंसिल में चेयरपर्सन और शैक्षणिक गतिविधियों की डीन भी रही हैं। उन्हें मैक्रोइकोनॉमिक्स फोरकास्टिंग के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। प्रो. पमी भारत के प्रतिष्ठित डी-स्कूल से भी जुड़ी हैं।
पूनम गुप्ता आईएमएफ में रहीं, पीएम की आर्थिक सलाहकार समिति में हैं शामिल
भारत की लीड इकोनॉमिस्ट पूनम गुप्ता मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद की रेस में शामिल हैं। वह नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में आरबीआई की चेयर प्रोफेसर थीं। उन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री की पुनर्गठित आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है। पूनम नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के महानिदेशक के रूप में पद संभालने वाली पहली महिला हैं। वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वॉशिंगटन डीसी में एक इकोनॉमिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। वह आईएमएफ में इकोनॉमिस्ट के तौर पर काम चुकी है। पूनम ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और मैरीलैंड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
(साभार – दैनिक भास्कर)