नयी दिल्ली । दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों से 4जी प्रसार को बढ़ावा मिलेगा, तरलता या नकदी का प्रवाह बढ़ेगा और 5जी नेटवर्क में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। आर्थिक समीक्षा 2021-22 में यह कहा गया है।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि कोविड संबंधी चुनौतियों का सामना करने में दूरसंचार क्षेत्र के ‘‘उत्कृष्ट प्रदर्शन’’ और ऑनलाइन शिक्षा एवं घर से काम (डब्ल्यूएफएच) के चलन से डेटा की खपत में भारी वृद्धि के साथ, सुधार उपायों से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी के प्रसार और पैठ को बढ़ावा मिलेगा।
समीक्षा में भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में ढांचागत और प्रक्रियागत सुधारों की रूपरेखा बताते हुए कहा गया है कि दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार के अलावा सुधार लाने के लिए और भी कई कदम उठाए गए हैं। इसमें कहा गया, ‘‘सुधारों से 4जी प्रसार को बढ़ावा मिलेगा, नकदी का प्रवाह बढ़ेगा और 5जी नेटवर्क में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।’’
मजबूत और जिम्मेदार नियामकीय ढांचे ने उचित कीमतों पर सेवा की पहुंच को बनाए रखा है, सरकार ने उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से सेवाप्रदाताओं के बीच उचित प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए और उपाय भी किए हैं।
समीक्षा में कहा गया कि दूरसंचार देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले सबसे शक्तिशाली क्षेत्रों में से एक है और इस क्षेत्र की का महत्व बहुत बढ़ गया है। यह कुल दूरसंचार उपभोक्ता आधार में वृद्धि, इंटरनेट उपभोक्ताओं और ब्रॉडबैंक कनेक्शनों की लगातार बढ़ती संख्या में नजर आता है।
बीते कुछ वर्षों में भारत के दूरसंचार क्षेत्र में डेटा की भूमिका बहुत बढ़ गई है क्योंकि कड़ी प्रतिस्पर्धा से लागत कम हुई है और इससे डेटा इस्तेमाल और बढ़ गया है।
प्रत्येक डेटा उपभोक्ता का प्रतिमाह औसत वायरलेस डेटा उपयोग वित्त वर्ष 2017-18 में 1.24 गीगाबाइट प्रतिमाह से बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 14.1 गीगाबाइट मासिक हो गया है। मोबाइल टावरों की संख्या दिसंबर, 2021 में बढ़कर 6.93 लाख हो गई है।