ढाई घंटे पहले बेटी को दिया जन्म, फिर जान जोखिम में डालकर दी परीक्षा

धनबाद.बोकारो की कविता महतो। गर्भ में नौ माह का बच्चा और दूसरी तरफ परीक्षा। एक तरफ मां बनने की खुशी तो दूसरी तरफ कोर्स पूरा करने का जज्बा। इसी बीच शनिवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई। झरिया के चक्रवर्ती नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां सुबह 10:24 बजे उसने बेटी को जन्म दिया। होश में आते ही वो एग्जाम देने की जिद करने लगी। पति निखिल ने बॉन्ड भरकर अपनी जिम्मेदारी पर कविता को एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया।

डॉक्टर ने हौसले को किया सलाम…

बता दें कि दोपहर एक बजे धनबाद के पीके राय कॉलेज में बीएड की परीक्षा थी।  बच्ची के जन्म के बाद जैसे ही कविता को होश आया, वो डॉक्टर से परीक्षा में जाने की अनुमति मांगने लगी। उसका हौसला देखकर डॉक्टर भी हैरान थे। वे कविता की हालत का हवाला देकर एग्जाम देने से मना कर रहे थे। डॉक्टर के नहीं मानने पर उसने पति निखिल कुमार महतो से परीक्षा दिलाने की मिन्नतें करती रहीं। आखिरकार पत्नी की जिद के आगे निखिल को झुकना पड़ा। उन्होंने कविता की जिंदगी का बॉन्ड भरकर उसे कॉलेज पहुंचाया।

एग्जाम सेंटर में भी दर्द से रही परेशान

जब कविता परीक्षा केंद्र पहुंचीं तो उसकी हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि बैठकर परीक्षा दे सके लेकिन वह जिद पर अड़ी रही। उसकी हालत देखकर कॉलेज प्रशासन ने भी कविता और उसके पति से इस बात का बाॅन्ड भरवाया कि वह अपनी मर्जी से परीक्षा में शामिल हो रही हैं।- इस दौरान अगर कुछ होता है तो इसके लिए वे दोनों ही जिम्मेदार होंगे।  परीक्षा हॉल में भी कविता तीन घंटे तक दर्द से परेशान रहीं, लेकिन उसके हाथ नहीं रुके।  वो लगातार प्रश्नों का जवाब लिखती रही।

बच्ची को पढ़ाई की अहमियत बताऊंगी

कविता ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर अपना एक साल बर्बाद नहीं करना चाहती थी।  इसलिए उन्होंने फैसला लिया कि बच्चे को जन्म देने के बाद भी परीक्षा दूंगी। भविष्य में बेटी को पढ़ाई की अहमियत समझाऊंगी। इसलिए, भी उन्होंने परीक्षा देना जरूरी समझा। उन्होंने कहा कि फैमिली परीक्षा देने के फैसले का साथ दिया। बता दें कि कविता बचपन से टीचर बनना चाहती हैं।

प्रसव के दो दिन पहले भी दी परीक्षा

कविता ने प्रसव से दो दिन पहले 28 जुलाई को भी पीके राय कॉलेज में आकर परीक्षा दी थी। उसी दिन से बीएड के पहले सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई थी। उस समय भी डॉक्टरों ने उसे परीक्षा में शामिल न होने की सलाह दी थी, लेकिन वह नहीं मानी। परीक्षा देने की जिद पर अड़ी रहीं। कविता प्रजन्या बीएड कॉलेज बलियापुर में सत्र 2015-17 की स्टूडेंट है।

कविता के पति निखिल सेना में हैं

कविता के पति निखिल सेना में हैं और अभी जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। पत्नी के प्रसव का समय नजदीक आने पर 27 जुलाई को वे धनबाद पहुंचे थे। निखिल ने बताया कि कविता फिलहाल अपने मायके झरिया के कुसमाटांड़ में रह रही है। वहीं के अस्पताल में उसकी डिलिवरी हुई। मुश्किल परिस्थिति के बावजूद वह साल बर्बाद नहीं करना चाहती थी। इसलिए बात माननी पड़ी।

 

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