हनुमान जयंती यानी हनुमान प्रकट उत्सव हिंन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को मनायी जाती है। हनुमान जी को भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। वाल्मीकि रामायण में बताई गई जगहों और प्रसंगों को जोड़कर मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी के जन्म का स्थान झारखंड के आंजन गांव में स्थिति एक गुफा में माना जाता है। इसके अलावा उनके जन्म से जुड़ी एक अन्य कथा भी है।
देवी अंजनी के नाम पर पड़ा इस जगह का नाम
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी का जन्म गुमला जिले के आंजनधाम स्थित एक पहाड़ी की गुफा में हुआ था। जिस गुफा में भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, उसका दरवाजा कलयुग में अपने आप बंद हो गया। गुफा के दरवाजे को भगवान हनुमान की माता अंजनी ने स्वयं बंद कर लिया, क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा वहां दी गई बलि से वे नाराज थीं। यह गुफा आज भी मौजूद है।
जिस गांव में ये गुफा है उसका नाम आंजन है, जो कि हनुमानजी की माता अंजनी के नाम पर ही पड़ा। यह गांव गुमला जिले से लगभग 22 किमी की दूरी पर है। यहां पर एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान हनुमान अपनी माता की गोद में बैठे दिखाई देते हैं।
यहां एक छोटा सा मंदिर है, जिसकी स्थापना भगवान हनुमान के भक्तों ने 1953 में की थी। इस मंदिर में भगवान हनुमान और माता अंजना की सुंदर मूर्ति है। यहां भगवान हनुमान अपनी माता की गोद में बैठे दिखाई देते हैं।
(साभार – दैनिक भास्कर)