दिल्ली.सुरेश रैना ने खुद के क्रिकेटर बनने की कहानी बताते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में साथी एथलीट्स परेशान करते थे। इस वजह से एक बार उनके मन में सुसाइड का भी विचार आया था। वे हांलाकि ऐसा नहीं कर सके। रैना ने बताया कि ऐसी घटनाओं की वजह से होस्टल छोड़ घर वापस जाने के बारे में भी सोचा। एक बार मेरे दिमाग में आत्महत्या करने का भी विचार आया था, लेकिन कर नहीं सका। मैं अच्छा खेलता था इस वजह से हॉस्टल के कुछ एथलीट जलते थे मुझसे।
रैना बताते हैं- ट्रेन आगरा की तरफ जा रही थी और मैं अखबार बिछाकर फर्श पर सो रहा था। रात में ठंड से बचने के लिए पैड, चेस्ट गार्ड, थाइ गार्ड पहने हुआ था।
– दरअसल, आगरा क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने जा रहे 12-15 साल के और भी बच्चे ट्रेन में सवार थे।
– देर रात रैना को महसूस हुआ कि सीने पर कोई बैठा है। आंखें खोली तो देखा कि हाथ बंधे हुए हैं।
– एक मोटा बच्चा उनकी छाती पर बैठकर उनके चेहरे पर पेशाब कर रहा है।
– काफी मशक्कत के बाद मैंने उसे एक घूसा मारा और स्टेशन पर रुकी ट्रेन से नीचे गिरा दिया।
– रैना को 2003 में इंग्लैंड क्लब क्रिकेट खेलने पर एक सप्ताह के 250 पाउंड मिले।
– रैना ने 2005 में पहली बार टीम इंडिया के लिए वनडे करियर का पहला मैच खेला।
– रैना बताते हैं कि सीरीज से पहले कैम्प में महेंद्र सिंह धोनी के साथ रूम शेयर किया था।
– रैना जमीन पर सोते थे, क्योंकि वे बेड यूज नहीं करते थे। धोनी भी जल्द ही उनके साथ नीचे सोने लगे।
– दरअसल, धोनी ने रैना से कहा- उन्हें भी बेड पर सोने की आदत नहीं है। अब हम एक साथ नीचे ही सोने लगे थे।
– आईपीएल के दौरान जब रैना को चोट लगी तो वे सकते में थे।
– घुटने की सर्जरी करवाने के बाद उन्हें डर था कि कहीं करियर ही न खत्म हो जाए।
– उस वक्त मुझे मेरे घर के लोन के 80 लाख रुपए चुकाने थे, लेकिन मैं दोबारा वापसी करने में सफल रहा।