चुनावों में मोदी की नोटबंदी ने पाया अव्वल दर्जा

पांचों राज्यों के चुनावी परिणाम जहां इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि तीन साल बाद भी मोदी लहर अभी भी बदस्तूर कायम है वहीं वह प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के निर्णय पर भी मुहर लगाते दिख रहे हैं।

पांचों राज्यों में जिस तरह से भाजपा ने प्रदर्शन किया है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रधानमंत्री के नोटबंदी के निर्णय को जनता ने सकारात्मक रूप से लिया है।

खास बात ये है कि यही वो मुद्दा था जिसे विपक्षी दलों ने चुनावों में भाजपा के खिलाफ धारधार हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया था ऐसे में साफ है कि विपक्ष का यह वार उसे उल्टा पड़ गया। इससे पहले भी नोटबंदी के निर्णय पर जनता महाराष्ट्र, गुजरात और उडीसा के निकायों चुनावों में अपनी मुहर लगा चुकी है।

नवंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने जब अचानक नोटबंदी का निर्णय लिया था तब इसे प्रधानमंत्री का मास्टर स्ट्रोक कहा गया था। एक दो को छोड़कर अधिकतर विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के इस निर्णय की जमकर आलोचना की थी यहां तक की संसद में भी सरकार को विपक्षी दलों के जबरदस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था।

हालांकि सरकार भी इस मुद्दे पर हमेशा फ्रंटफुट पर ही रही और सभी मंचों पर इसे जनता के हित में साबित करने का ही प्रयास किया। हालांकि नोटबंदी को लेकर सरकार को उस समय थोड़ी निराशा भी हुई जब उसे कालेधन पर मन मुताबिक परिणाम निकलते नहीं मिलते दिखे।

इसी मुद्दे को विपक्षी दलों ने पूरा तूल दिया और नोटबंदी के दौरान गई लोगों की जानों और आम जनता को हुई परेशानी को चुनावी मुद्दा बना लिया। लेकिन विपक्ष के तमाम वारों को झेलते हुए प्रधानमंत्री अकेले दम इस मुद्दे पर सरकार और अपने निर्णय का बचाव करते रहे।

मोदी ने जनता के बीच अपने इस निर्णय को भ्रष्टाचार को खत्म करने वाला और आम जनता के हितों से जोड़ने वाला निर्णय साबित करने का प्रयास किया। चुनावी रैलियों में भी मोदी ने इस मुद्दे को भावनात्मक रूप देकर आम जनता से जोड़ने का पूरा प्रयास किया।

चुनावों के परिणाम बता रहे हैं कि मोदी अपनी मुहिम में कामयाब होते दिख रहे हैं। जनता ने नोटबंदी जैसे उनके कड़े निर्णय पर खुले मन से अपनी मुहर लगा दी है। खास बात ये है कि विपक्षी दलों ने भी नोटबंदी को चुनावों में भाजपा के खिलाफ बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया।

इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के खिलाफ साम्प्रदायिकता के बाद विपक्ष ने नोटबंदी को ही सबसे ज्यादा भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल किया। लेकिन चुनावों के परिणाम बता रहे हैं कि जनता ने इस मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

खास बात ये है कि इससे पहले जनता भाजपा के इस मुद्दे पर हाल ही में हुए महाराष्ट्र निकाय चुनाव, गुजरात निकाय चुनाव, उड़ीसा के निकाय चुनावों और चंडीगढ़ के निकाय चुनावों में भी अपनी मुहर लगा चुकी है जहां भाजपा शानदार प्रदर्शन करते हुए विपक्षियों पर भारी पड़ी है।

 

शुभजिता

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