Friday, June 13, 2025
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गुरुओं को स्मरण करना परम्परा से जुड़ना है – डॉ. किरण सिपानी

कोलकाता । ‘प्रो. कल्याणमल लोढ़ा ने बंगाल जैसे अहिन्दीभाषी प्रदेश में हिन्दी भाषा, साहित्य, अध्ययन एवं शिक्षण की मजबूत नींव तैयार की। उनका अध्ययन व्यापक एवम् अध्यापन कौशल विशिष्ठ था।’ सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय एवं श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा प्रो. कल्याणमल लोढ़ा जन्मशती समारोह के अर्न्तगत आयोजित एक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए आचार्य जगदीश चन्द्र बोस कॉलेज की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. किरण सिपानी ने यह बात कही। ‘प्रो. कल्याणमल लोढ़ा – संस्मरणों में’ विषयक संगोष्ठी में अपने गुरु प्रो. कल्याणमल लोढ़ा से जुड़ी स्मृतियों को अभिव्यक्त करते हुए डॉ. किरण सिपानी ने कहा कि अपने गुरुओं को स्मरण करना अपनी परम्परा से जुड़ना है। उनकी स्मृतियों से रस लेकर हम नयी पीढ़ी को तैयार करते हैं। प्रो. कल्याणमल लोढ़ा को याद करते हुए काजी नजरुल इस्लाम महाविद्यालय, वर्द्धमान के पूर्व आचार्य डॉ. संतराम ने कहा कि लोढ़ा जी का व्यक्तित्व सभी को प्रभावित करता था। और जीवन में परिवर्तन लाता था। कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने लोढ़ा जी की शिक्षण शैली की सराहना की और कहा कि उनकी स्मृति में और अधिक आयोजन एवं शोध कार्य होने चाहिए जिससे नयी पीढ़ी उनको और अधिक जान सके। यह हम सबका दायित्व है। उमेशचन्द्र कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक डॉ. अनिल कुमार शुक्ल ने कहा कि प्रो. कल्याणमल लोढ़ा की हिन्दी साहित्य के प्रति निष्ठा और उनकी साधना अनुकरणीय है।

वे हिन्दी को अपना कार्यक्षेत्र नहीं बल्कि मिशन मानते थे। भवानीपुर गुजराती एजुकेशन सोसायटी की प्राध्यापिका डॉ. वसुंधरा मिश्र ने कहा कि लोढ़ा जी के साथ काम करना बहुत कुछ सिखाने वाला था। वे अभिभावक की तरह नयी पीढ़ी को आगे ले जाते थे। स्वागत भाषण देते हुए श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के अध्यक्ष डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने कहा कि लोढ़ा जी ने महानगर की साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों को नेतृत्व प्रदान कर हिंदी भाषी समाज को नई दिशा एवं दृष्टि दी थी। हिंदी के सम्मान एवं स्वाभिमान के लिए वे सदैव तत्पर रहे। कार्यक्रम का आरम्भ तारा दूगड़ द्वारा सरस्वती वन्दना के गायन से हुआ। संचालन सुरेन्द्रनाथ सान्ध्य कॉलेज की प्राध्यापिका दिव्या प्रसाद ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के अध्यक्ष भरत कुमार जालान ने किया।

इस अवसर पर जालान पुस्तकालय की मंत्री दुर्गा व्यास, छपते–छपते के संपादक एवं ताजा टीवी के निदेशक श्री विश्वंभर नेवर, अनुराधा जालान, दूरदर्शन में कोलकाता जोन के अपर महानिदेशक श्री सुधांशु रंजन, प्रो. विमलेश्वर द्विवेदी, भागीरथ चांडक, अरुण प्रकाश मल्लावत, डॉ शुभ्रा उपाध्याय, डॉ कमलेश जैन, योगेश उपाध्याय, संजय बिन्नानी, डॉ. ऋषिकेश राय, निर्भय देवयांश, अनिल ओझा ‘नीरद’, रामपुकार सिंह, श्यामा सिंह, रामेश्वरनाथ मिश्र ‘अनुरोध’, डॉ.बृजेश सिंह, दीक्षा गुप्ता, परमजीत पंडित आदि सहित कोलकाता महानगर के साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी, विवेक तिवारी, राहुल उपाध्याय, संदीप, उत्तम, राहुल, दिव्या गुप्ता, मनीषा गुप्ता समेत कई अन्य लोगों का योगदान रहा।

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