कोलकाता। कोलकाता के खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज के आईक्यूएसी और आईसीसी की ओर से ‘महिला संघर्षों की परिणति और विशाखा गाइड लाइन’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुबीर कुमार दत्ता ने कहा कि महिलाओं को खुद के प्रति जागरूक होना चाहिए ताकि हमारे साथ क्या गलत हो रहा है हमें इसकी जानकारी होनी चाहिए। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ शुभ्रा उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं के साथ घर से ही भेदभाव शुरू हो जाता है। हर परिवार को महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की प्रो. चित्रा माली ने अपने वक्तव्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के संघर्षों का उल्लेख करते हुए विशाखा गाइड लाइन के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से व्याख्यायित किया। उन्होंने वर्तमान की तमाम घटनाओं का हवाला देते हुए महिलाओं के प्रति पारिवारिक,सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर संवेदनशील होने पर जोर दिया। हिंदी विभाग की छात्रा कनिष्का घोष ने स्रियां कविता की आवृत्ति की और जनातुल फिरदौस ने एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए प्रो. चंद्रानी दत्ता ने कहा कि हम सारी महिलाओं को एकजुट होकर अपने खिलाफ हो रहे किसी भी प्रकार के अत्याचार के लिए आवाज उठाना चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन देते हुए प्रो. अनामिका नंदी ने कहा कि सभी लड़कियों और महिलाओं को अपने खिलाफ हो रहे शारीरिक शोषण या किसी भी प्रकार के शोषण के प्रति आवाज उठानी चाहिए वो भी बिना किसी डर के। कार्यक्रम का संयोजन मधु सिंह और राहुल गौड़ ने किया।