कोलकाता : भवानीपुर कॉलेज के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित बेविनार में कॉलेज के डायरेक्टर और अर्थशास्त्री डॉ. सुमन मुखर्जी ने कोविद 19 महामारी के बाद उद्योगों के बदलते चेहरे पर विचार विमर्श किया। इस कार्यक्रम का विषय दि चेंजिंग फेस ऑफ इंडियन सर्विस इंडस्ट्री पोस्ट कोविड 19 आउटब्रेक रक्खा गया। इस कार्यक्रम के पीछे बीबीए विभाग के विद्यार्थियों का मानना यही है कि कंपनी का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सेवा देना होना चाहिए जो भारतीय परंपरा और संस्कृति के अनुकूल हो। आज कोरोना महामारी के बाद सर्विस इंडस्ट्री जैसे विभिन्न उद्योगों में आए संकटों से उभरने के लिए क्या नए बदलाव या संभावना हो सकती हैं, इस विषय पर उद्योग जगत से जुड़े प्रमुख विशिष्ट वक्ताओं में प्रो. चंद्र दीप मित्रा और अनूप हन को आमंत्रित किया गया।
डॉ सुमन मुखर्जी ने कार्यक्रम का आरंभ करते हुए कहा कि उद्योगों की स्थिति नदी की तरह होती है जो अवसर और परिस्थितियों के अनुकूल अपनी दिशा बदल लेते हैं। भारतीय उद्योगों के चेहरों में भी बदलाव आएगा क्योंकि समय के साथ बड़े बड़े परंपरा से चले आ रहे उद्योग भी बंद होते देखे गए हैं। आर्थिक विकास के नये रास्ते निकल आते हैं।
उद्योग जगत में प्रो. चंद्र दीप मित्रा मार्केटिंग, ब्रैंडिंग, कम्युनिकेशन और मीडिया जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गत बीस वर्षों से नेतृत्व कर रहे हैं। आपका मानना है कि कोविद- 19 के संकट में आज उद्योग धंधों के ट्रेक भी बदलने का समय आ गया है। आज विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं और दूसरों के लिए सफलता प्राप्त करने के कई क्षेत्र हैं।
भारत एक साधन प्रदान करने वाला देश बन सकता है।
डॉ सुमन मुखर्जी के “डी” बिंदुओं का – डेटा ड्रिवन इकोनॉमी, डिस्फिरिंग इन्फर्मेशन, डोमेस्टिकेटेड मार्केटिंग और डोमिनो आदि का हवाला देते हुए आने वाली नयी पीढ़ी को नये सिरे से उद्योगों के चरित्र को समझने की बात कही ।
श्री अनूप हन पिछले तीस वर्षों से सर्विस इंडस्ट्री में सर्टिफाइड एक्सिकयूटिव रहे और विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सोशयल डिस्टेंस वास्तव में शारिरिक दूरी का पालन करना है। आपका मानना है कि रेस्टोरेंट और हॉस्पिटैलिटी सेवाओं में फिर से समस्याओं का पुनः मूल्यांकन और निदान पर विचार करना होगा। फेमिली कॉन्सलिंग, फेमिली बिजनेस चार्टर, संस्कृति और मौसम, लर्निंग और नवपरिवर्तन, प्रतिस्पर्द्धा के लाभ और व्यापारिक चक्र आदि पर नये सिरे से विचार विमर्श करने की आवश्यकता है। रेस्टोरेंट – होम और कॉमर्शियल उद्योगों आदि के महत्वपूर्ण कारकों को लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर करना होगा जिससे अधिक आर्थिक लाभ हो। उपभोक्ताओं को आकर्षित और सुरक्षित दोनों दृष्टि से नया वातावरण देना होगा। हाइजिन देने के लिए सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए एप में बुकिंग टेबल पर क्यू आर कोड स्केनिंग हो, पेट्रान को सौंपी गई टेबल पर रोबोटिक फुड देने की व्यवस्था हो। होटलों में खुली रसोई आदि की व्यवस्था हो जिससे कस्टमर स्वयं देखकर अपनी सुरक्षा व्यवस्था से आश्वस्त हो सके।
सभी विशेषज्ञों ने भवानीपुर कॉलेज के बीबीए विभाग के विद्यार्थियों को स्टार्ट – अप उद्योग की विस्तृत जानकारी दी। बीबीए विभाग के इवेंट मैनेजमेंट कमेटी की अध्यक्ष दीक्षा झा, सुयश सोमवंशी और प्रो. कौशिक बनर्जी के सद्प्रयासों से युवाओं को एक अच्छा मंच मिला जहाँ वे आने वाले समय से मुकाबला करने के लिए तैयार हो सकेंगे। इस कार्यक्रम की जानकारी डॉ. वसुंधरा मिश्र ने दी।