Tuesday, April 22, 2025
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कोरोना परीक्षण प्रयोगशाला शुरु करने में मेडिकल कॉलेजों की मदद करेंगे 14 शीर्ष चिकित्सा संस्थान

नयी दिल्ली : देश में चिन्हित 14 उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थान सभी मेडिकल कॉलेजों को कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये इसके परीक्षण के दायरे को बढ़ाने के तरीकों से अवगत करायेंगे जिससे देशव्यापी स्तर पर कोविड-19 की जांच की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इसके लिये दिल्ली स्थित एम्स, चंडीगढ़ में पीजीआई और बेंगलुरु स्थित निमहांस सहित 14 उत्कृष्ट चिकित्सा संस्थानों को देश के सभी निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कोरोना वायरस के परीक्षण हेतु प्रयोगशालायें शुरु करने में तकनीकी एवं कौशल संबंधी मदद मुहैया कराने के लिये चिन्हित किया है। देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर आईसीएमआर ने पूरे देश में विषाणु विज्ञान प्रयोगशालाओं का दायरा बढ़ाने के लिये यह पहल की है। इसका मकसद कोविड-19 की परीक्षण सुविधाओं को विस्तार देते हुये सभी मेडिकल कॉलेजों के आसपास इस प्रकार की प्रयोगशालायें स्थापित करना है। आईसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि परिषद ने सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों से कोरोना वायरस के परीक्षण की सुविधा शुरु करने के लिये आवेदन भी मांगे हैं।
उन्होंने कहा कि इस सुविधा को देश के सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिये आईसीएमआर द्वारा चिन्हित 14 चिकित्सा संस्थानों को जिम्मेदारी दी गयी है कि वे सभी मेडिकल कॉलेजों को उन्नत प्रयोगशालायें स्थापित करने के लिये प्रेरित करते हुये इस दिशा में हरसंभव मदद भी मुहैया करायें।
इसके लिये आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने सभी 14 संस्थानों के निदेशकों को पत्र लिखकर प्रयोगशालाओं के विस्तार में मेडिकल कॉलेजों को ढांचागत सुविधाओं से लेकर प्रशिक्षण तक हर प्रकार की मदद देने को कहा है। उन्होंने इन संस्थानों से मेडिकल कॉलेजों के मार्गदर्शक के रूप में इस दायित्व का निर्वाह करने का अनुरोध किया है।
इन संस्थानों को कहा गया है कि प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बढ़ाने में समान भौगोलिक वितरण का भी ध्यान रखा जाये, जिससे देश के सभी इलाकों में समान रूप से परीक्षण की सुविधा का विस्तार हो सके।
इन संस्थानों को भी भौगोलिक आधार पर जिम्मेदारी दी गयी है कि वे किस राज्य के मेडिकल कॉलेजों की मदद करेंगे। मसलन, पीजीआई चंडीगढ़ को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों की जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं, एम्स दिल्ली को बिहार और दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों की मदद करने को कहा गया है।

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