कोलकाता । कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में निवेश करने वाली एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम कोटक बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड के लॉन्च की सूचना दी। कंपनी के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह योजना सोमवार, 6 फरवरी से 20 फरवरी, 2023 तक 5,000 रुपये की न्यूनतम निवेश राशि के साथ खरीद के लिए 1 रुपये और एनएफओ अवधि के दौरान स्विच के लिए 0.01 रुपये के गुणकों में सार्वजनिक सदस्यता के लिए उपलब्ध होगी।
कंपनी इस सेक्टोरल फंड के निवेश उद्देश्य को एक पोर्टफोलियो से दीर्घकालिक पूंजी प्रशंसा के रूप में रेखांकित करती है जो मुख्य रूप से बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र में लगी कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड में सीनियर ईवीपी, फंड मैनेजर और इक्विटी रिसर्च की प्रमुख शिवानी सिरकार कुरियन ने कहा, “हम अपने भारतीय ग्राहकों को यह फंड उपलब्ध कराकर खुश हैं। देश में बीएफएसआई क्षेत्र के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। ”
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर 23 प्रतिशत की तुलना में म्यूचुअल फंड फोलियो में भारतीय आबादी का केवल 7 प्रतिशत है। जबकि शीर्ष 5 देशों के 10 प्रतिशत की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद के प्रीमियम अनुपात में जीवन बीमा केवल 3 प्रतिशत है, वैश्विक स्तर पर 4 प्रतिशत की तुलना में गैर-जीवन बीमा पैठ 1 प्रतिशत से भी कम है। फंड की अन्य प्रमुख विशेषताओं में बैंक निवेश और गैर-बैंक, बीमा, ब्रोकिंग, परिसंपत्ति प्रबंधन और फिनटेक जैसे खंड विविधीकरण के अवसर शामिल हैं। यह फंड बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में सभी मार्केट कैप और उप-क्षेत्रों में निवेश के अवसर भी प्रदान करेगा।
रघनाल ने पेश किया कॉरपोरेट के लिए बिजनेस साइबर शील्ड
कोलकाता । रघनाल इंश्योरेंस ब्रोकिंग ब्रोकिंग एंड रिस्क मैनेजमेंट ने कॉरपोरेट के लिए बिजनेस साइबर शील्ड पेश किया है । यह सभी प्रकार के उद्यमों को साइबर सुरक्षा देगा और साइबर खतरों को पहचान कर जोखिमों को कम करेगा । यह कम्पनियों को साइबर धोखाधड़ी, धमकियों समेत सुरक्षा जोखिमों को पहचान कर उनसे बचाएगा । इस सभी आकार – प्रकार के उद्यमों की जरूरत के अनुसार कस्टमाइज किया जा सकता है । रघनाल इन्श्योरेंस ब्रोकिंग एंड रिस्क मैनेजमेंट के निदेशक अमित गोयल ने कहा कि उनकी कम्पनी इस क्षेत्र की विशेषज्ञ है और यह नयी पेशकश इस विशेषता को और भी मजबूत करेगी और भारत के उद्यमों को साइबर जोखिम से बचाएगी ।