केरल के जगदीश ने किया रामचरित मानस का पाठ, बनाया 138 घंटे का सबसे लम्बा गीत

वाराणसी । धर्म नगरी काशी में रहने वाले केरल के जगदीश पिल्लई ने 138 घंटे में रामचरितमानस को गाने के रूप में गाकर वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया ।15 हजार से ऊपर चौपाइयों को लयबद्ध कर के संगीत के साथ सजाकर दुनिया का सबसे लंबा गीत बना दिया है । डॉ. जगदीश पिल्लई वाराणसी में लेखक और शोधकर्ता हैं । इन्होंने पहले भी अन्य विधाओं में रिकार्ड बनाया है लेकिन इस बार इनके रिकार्ड की चर्चा खूब हो रही है. इस बार 138 घंटे, 41 मिनट और 2 सेकेंड तक लगातार चलने वाला रामचरित मानस का ऑडियो पाठ का गाना बना दिया । यह दुनिया का सबसे लम्बा गीत बन गया है । जिस पर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड ने मुहर भी लगा दी है । इसके पहले इंग्लैंड की म्यूजिक बैंड के नाम यह रिकॉर्ड 115 घंटे और 45 मिनट का था, जिसे डॉ. पिल्लई ने तोड़ दिया है ।
पिल्लई ने यह गाना कोरोना काल में लयबद्ध करना शुरू किया था
इस रामचरित मानस सॉन्ग को गिनीज बुक ने सर्वाधिक लम्बा आधिकारिक रूप से प्रदर्शित गाना यानी लॉन्गेस्ट रिलीज्ड ऑफिशियल सॉन्ग यानी आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे लंबा गाना माना है । पिल्लई ने यह गाना कोरोना काल में लयबद्ध करना शुरू किया था, लेकिन फिर यह काम रूक गया । इसके बाद पिल्लई फिर से यह गाना खुद लयबद्ध करना शुरू किया जिसका नतीजा उन्हें 10 दिन पहले मिला, जब सभी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद गिनीज बुक ने यह रिकॉर्ड सौंपा । उन्होंने भगवान राम को आदर्श बताया और उनसे प्रभावित होने की बात कही जिसके बाद उन्होंने यह रिकॉर्ड बनाया ।

डॉ. पिल्लई ने बताया कि पूरी रामायण को 50 घंटे में इन्होंने गा लिया था, लेकिन उन्हें रिकार्ड बनाना था तो उन्होंने 15 हजार श्लोकों, छंदों, चौपाइयों और भजन कीर्तन गाकर इसे पूरा 138 घण्टे 41 मिनट 2 सेकेंड का तैयार किया. मानस पाठ में जहां-जहां पॉज है, वहां-वहां इन्होंने भजन-कीर्तन जोड़े । इस गाने को दुनिया भर के आधिकारिक म्यूजिक चैनल्स जैसे एप्पल म्यूजिक, स्पॉटीफाई, अमेजन म्यूजिक आदि 100 से ज्यादा प्लेटफार्म पर प्रसारित कर चुके हैं ।
रामचरित गीत को बनारस में लांच किया
डॉ पिल्लई ने यह उपलब्धि हासिल करने के बाद इस रामचरित गीत को बनारस में लांच किया, जिसमें यूपी सरकार के मंत्री दया शंकर मिश्रा शामिल थे। पिल्लई के इस कदम को धर्म और संस्कृति के लिए बड़ा माना है औए उन्हें साधुवाद दिया है । पिल्लई इस गाने को चार साल से संगीत में पिरोने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें उपलब्धि 2023 में मिली ।
(स्त्रोत – हमारा महानगर)

 

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