2 लाख थर्मोकॉल शीट्स लगे हैं निर्माण में
कोलकाता : देवी पक्ष आरम्भ हो चुका है और बंगाल में दुर्गा पूजा का खुमार छाने लगा है। राज्य की हर गली में अनूठी कलाकृतियों से सजे मण्डप बनाते व्यस्त कलाकार दिख रहे हैं और बात जब कोलकाता की हो तो मंध्य कोलकाता के मोहम्मद अली पार्क की पूजा का जिक्र तो चलना लाजिमी है। हालांकि इस बार पार्क में रिजरवायर की मरम्मत के कारण पूजा को लेकर संशय बरकरार रहा मगर कहते हैं न कि जहाँ चाह होती है, वहीं राह भी होती है तो यूथ एसोसिएशन द्वारा आयोजित मोहम्मद अली पार्क की दुर्गा पूजा भव्यता के साथ ही पार्क के निकट हो रही है। इस बार आपको यहाँ केरल के मुरुगन मंदिर की झलक दिखेगी और पूजा इस बार सेन्ट्रल एवेन्यू फायर स्टेशन में आयोजित की जा रही है। मोहम्मद अली पार्क की पूजा की आयोजन समिति के महासचिव सुरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि चटकीले रंग और मनोरम कलाकृतियों से सजा यह पूजा मण्डप लाल मिट्टी से निर्मित किसी भव्य मंदिर जैसा ही लग रहा है।
मण्डप के निर्माण में 2 लाख थर्मोकॉल शीट्स का इस्तेमाल किया गया है जिससे मंदिर पुराना और वास्तविक दिखे। गौरतलब है कि इस पूजा ने अपनी स्वर्ण जयन्ती पिछले साल ही मनायी है। पिछले साल पद्मावत से प्रेरित मण्डप बनाया गया था। यह पूजा 1969 में सबसे पहले ताराचन्द दत्त स्ट्रीट से आरम्भ हुई थी मगर इसकी लोकप्रियता को देखते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे मोहम्मद अली पार्क में ले जाया गया। इस बार भी मार्च में ब्रिटिशकालीन रिजर्रवायर में आयी दरारों को देखते हुए मरम्मत कार्य तथा सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेन्ट्रल एवेन्यू फायर स्टेशन स्थानान्तरित किया गया है।
मण्डप बना रहे हैं प्रशान्त पाल। मण्डप की ऊँचाई 40 फीट है। आयोजकों ने बताया कि इस मण्डप के माध्यम से केरल के मुरुगन की लोककला का प्रसार इस थीम को चुनने की बड़ी वजह है। इस कला में बारीक चित्रण, चटकीले रंगों और प्रतीकों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जाहिर है कि जगह भले ही बदली हो मगर दर्शकों को लुभाने में मोहम्मद अली पार्क की पूजा का आकर्षण अब भी वही है।