नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने सभी विभागों को गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगों और बीमारी से जूझ रहे लोगों को दफ्तर आने से छूट देने के निर्देश जारी किए हैं। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने दी। लॉकडाउन-4 में पचास फीसद कर्मचारियों के साथ दफ्तर खोलने की अनुमति मिलने के अगले दिन केंद्र सरकार ने यह दिशा निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने बताया कि यह तय किया गया है कि ऐसे सरकारी सेवक जिनका पहले से गंभीर बीमारियों का इलाज चल रहा था, उन्हें जहां तक संभव हो रोस्टर ड्यूटी से छूट दी जाए।केंद्र ने यह भी कहा है कि इसी तरह दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं को भी रोस्टर प्रणाली से छूट दी जाए। मंत्रालय ने सोमवार को डिप्टी सेक्रेटरी के स्तर से नीचे अपने 50 फीसद जूनियर कर्मचारियों को कार्यालय में काम करने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने उपसचिव स्तर से नीचे के अपने 50 फीसद जूनियर कर्मचारियों से कार्यालय आने के निर्देश जारी किए थे। इससे पहले इस श्रेणी के केवल 33 फीसद कर्मचारियों को ही कार्यालय आने को कहा गया था।
रकार की ओर से उपसचिव स्तर से नीचे के अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए थे। गाइडलाइन के मुताबिक, विभागाध्यक्ष एक रोस्टर (ड्यूटी चार्ट) तैयार करके यह सुनिश्चित करेंगे कि 50 फीसद अधिकारी और कर्मचारी एक दिन के अंतराल में कार्यालय आएं। कार्मिक मंत्रालय की ओर से यह भी निर्देश हैं कि जिन 50 फीसद अधिकारियों और कर्मचारियों को एक दिन कार्यालय नहीं आना है वह घर से काम करें और हर वक्त टेलीफोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर कार्यालय के संपर्क में रहें।