कोलकाता। नए वर्ष के शुभ अवसर पर कोलकाता की प्रतिष्ठित संस्था ‘बंगीय हिन्दी परिषद’ के तत्वावधान में गत 9 जनवरी को गूगल मीट के माध्यम से डॉ. गिरिधर राय की अध्यक्षता में कवि-कल्प की गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया, जिसमें नवोदित एवं वरिष्ठ कवियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आरंभ परिषद के मंत्री और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी के स्वागत वक्तव्य से हुआ। गोष्ठी की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसे रामाकांत सिन्हा ने प्रस्तुत किया। वरिष्ठ एवं नवांगतुक कवियों ने मिलकर काव्य गोष्ठी को सफल बनाया और नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ-साथ कोरोना के वर्तमान परिदृश्य को अपनी रचनाओं के ज़रिए मुखरित किया।
गोष्ठी में सम्मिलित कविगण डॉ. राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी, मनोज मिश्रा, धर्मनाथ दुबे, कृष्ण कुमार दूबे, स्वागता बसु, मौसमी प्रसाद, शीला संचेती. रामाकांत सिन्हा, रंजीत कुमार संकल्प, निखिता पाण्डेय, अंजू छारिया, हिमाद्रि मिश्रा, सुदामी यादव, गजेंद्र नाहटा, मनोरमा झा तथा सुषमा राय पटेल ने अपनी कविताओं से गोष्ठी को समृद्ध किया। सागर चौधरी की पटल पर प्रेषित कविता ने भी वाहवाही बटोरी। अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. गिरिधर राय ने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए रचनाकारों की प्रस्तुति की समीक्षा की तथा कविता को समाज का आईना बतलाते हुए रचनाकारों को लिखने के लिए प्रेरित किए। साथ-साथ उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जयंती पर अपनी एक ओजपूर्ण कविता द्वारा उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए । श्रोतागण के रूप में पुष्पा मिश्रा, भानु प्रताप पाण्डेय, सुदेशना चक्रवर्ती, ज़ोया अहमद और नेहा आदि जुड़े थे। परिषद की संयुक्त मंत्री सुषमा राय पटेल द्वार संचालन किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन परिषद की उप साहित्य मंत्री निखिता पाण्डेय ने किया।