नयी दिल्ली : विदुषी, लेखिका और कलाविद डॉ. कपिला वात्स्यायन का दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं। उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था। वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं। वह राज्यसभा की मनोनीत सदस्य भी रह चुकी थीं और आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री ली थी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के विषय में अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की थी।
वात्स्यायन, कवि और आलोचक केशव मलिक की छोटी बहन थीं। उनका विवाह प्रख्यात साहित्यकार सच्चिदानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के साथ 1956 में हुआ था, हालांकि वे दोनों 1969 में अलग हो गए। उन्होंने अपने लंबे करियर में कला और इतिहास पर लगभग 20 पुस्तकें लिखी थीं।