कभी स्टेशन पर गुजारी थी रातें, अब धूम मचाते हैं इनके गाने

बिहार गया जिले के शशि सुमन की पहचान एक सफल म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में होती है। शुरुआती दिनों में शशि ने मुंबई में स्टेशन पर कई रातें गुजारी थी। अब उनके कम्पोज किए गाने बॉलीवुड में धूम मचाते हैं।

शशि ने हालिया रिलीज ‘सरबजीत’ के नंदिया गाने का म्यूजिक कम्पोज किया है। इससे पहले उन्होंने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘मैरीकॉम’ में सात गानों का म्यूजिक कम्पोज किया था। गया जिले के बजौरा गांव में रहने वाले शशि सुमन को बचपन से ही संगीत में रुचि थी।

म्यूजिक के शौक के चलते शशि ने ‘इंडियन आइडल’ और ‘सारेगामापा’ में फाइनल तक का सफर तय किया। इसके बाद शशि ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उन्होंने इसके बाद मुंबई में ही रहना पंसद किया। शुरुआती दिनों में जब उनके पास घर नहीं था तो उन्होंने कई रातें स्टेशन पर गुजारी थी।

शुरुआती दिनों में शशि सुमन गाना गाते थे तो गांव वाले कहते थे कि गवैया बन गया है। शशि के पिता राम प्रवेश सिंह आरा में डीईओ हैं और उन्हें तबला बजाने का शौक है। उन्होंने ही शशि को तबला बजाना सिखाया और फिर इसके बाद शशि ने तय कर लिया कि उन्हें म्यूजिक में ही आगे जाना है। शशि जब थोड़ा बहुत-गाने बजाने लगे तो वे पढ़ाई छोड़कर म्यूजिक सीखने लखनऊ चले गए।

शशि ने लखनऊ में किराना घराने में संगीत गुरु गुलशन भारती से संगीत की शिक्षा ली है।  इस दौरान सारेगामा का ऑडिशन हुआ था और उसमें शशि ने भाग लिया और उनका सेलेक्शन हो गया। आदेश श्रीवास्तव ने वहीं उन्हें सुना था और प्रकाशा झा की फिल्म राजनीति के लिए ‘मोरा पिया मोसे बोलत नाहीं’ गाने का मौका दिया। इसके बाद वे 2010 में इंडियन आइडल में गये थे। इंडियन आइडल-5 के फाइनलिस्ट रहे शशि सुमन ने इस कार्यक्रम के खत्म होने के बाद मुंबई नहीं छोड़ा और वहीं जम गए। इसके बाद उन्होंने अंधेरी में एक फ्लैट लिया और स्टूडियो खोल दिया।

 

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