Monday, March 17, 2025
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एकमत से बढ़ जाता प्यार :अर्चना संस्था की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

कोलकाता । साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था अर्चना द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में सदस्यों ने मौलिक कविताओं, गीत, कुंडलियां, मुक्तक और हाइकु आदि विभिन्न सृजनात्मक रचनाओं द्वारा चुनावी माहौल में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी।चुनाव पर सुशीला चनानी ने हाइकु सुनाए -कहीं तलाक/कहीं है गंठजोड़ /चुनावी -तोड!,  गाली  का राग/गा  रहे नेतागण /चुनावी फाग!, स्याही का नुक्ता/उंगली पर मुक्ता/पलटें तख्ता और छंद मुक्त कविता ‘कलाकार’ सुनाई जो बहुत पसंद किए गए। मृदुला कोठारी ने लाइब्रेरी की अलमारी में किताबें पड़ी पड़ी सोती हैं /सुबह से इंतजार करती पाठकों का सांझ पड़े उदास होकर रोती हैं,  मीठे मीठे कितने रिश्ते/देते हो पहले भगवान/धीरे-धीरे दूर हो करते/बोलो क्यों भोले भगवान , शशि कंकानी कहती हैं लक्ष्य पर अपने डटे रहो , बाधाओं से लड़ते रहो ।।/वो कौन हैं? जो तरह -तरह के स्वप्न मुझे दिखाता ।। मीना दूगड़ ने अपनी रचना भावों बिन नहीं होती ज्यों शब्दों की औकात।/ना कागज की उपयोगिता ना कलम से मुलाकात।, मुस्कुराहट की आहट/दूर भगाती घबराहट।, हिम्मत चोरड़़िया प्रज्ञा ने मनहरण घनाक्षरी-

सबसे है दवा बड़ी, मानो जादू की ये छड़ी।और गीत-पुकारती हमें धरा,/रखो मुझे हरा-हरा।कुण्डलिया- जीवन की इस साँझ में, मात-पिता लाचार।।सुनाकर अपनी रचनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। उषा श्राफ ने वृक्ष पर फूल खिलते रहे कोई मुझे बता दें उसका पता सुनाई, डॉ शिप्रा मिश्रा  ने चिरइया एक चिरइया गाँव में आई विस्मित, चकित, अचंभित/नन्हीं आँखों से देखे दुनियाहोकर खूब सशंकित और अकिला फुआअब उनकीकोई जरूरत नहीं/पड़ी रहती हैं/एक कोने में/अपनी खटारा मशीन लेकर  कविता के माध्यम से वृद्धों की स्थिति पर प्रकाश डाला।  प्रसन्न चोपड़ा ने अंदर फूल न खिले  हो तो  मधुमास क्या।/भीतर अंधेरा है तो बाहर प्रकाश क्या।सुनाया तो  रीता चन्दा पात्रा ने मैं ख्वाबो में जीना चाहती हूं । ख्वाबो के रहगुज़र में खो जाना चाहती हूं।अपनी रचना सुनाई। इंदू चांडक ने मत में ही है तलवार सी धार/मत में ही छिपी है जीत और हार/एकमत से बढ़ जाता प्यार, बहुमत से बनती सरकार/ कदम कदम मिल साथ चलो भारत माँ के लाडलो, संगीता चौधरी ने दोहा – भावों की बगिया मिली, शब्द खिले भरमार ।/माली सा पोषित करे, प्रभु तेरा उपकार।।/इस रात की सुबह होगी या नहीं /पल-पल मौत की ओर बढ़ रहे हैं सुना कर आशंका जताई है। गोष्ठी का संचालन किया इंदू चांडक ने और धन्यवाद दिया मृदुला कोठारी ने । जूम पर हुए इस कार्यक्रम की जानकारी दी डॉ वसुंधरा मिश्र ने ।

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