कोलकाता । उमेशचन्द्र कॉलेज हिन्दी विभाग, आंतरिक गुणवत्ता और आश्वासन प्रकोष्ठ और छात्र परिषद द्वारा ‘ प्रेमचंद जयंती’ के उपलक्ष्य में साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रेमचंद के साहित्य पर बोलते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ॰ मो॰ तफ़ज्जल हक़ ने कहा- भारतीय समाज व्यवस्था को समझने में प्रेमचंद का साहित्य सदैव प्रासंगिक रहेगा। वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो॰ प्रकृतिरंजन दास ने कहा कि प्रेमचंद के कथा साहित्य में जैसी आत्मीयता और संवेदना मिलती है वैसी अन्य भारतीय भाषाओं में कम देखने को मिलता है। इस अवसर पर हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ॰ कमल कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि -प्रेमचंद को महान बनाया उनकी भारतीय समाज की गहरी समझ और यथार्थ चित्रण के प्रति आस्था ने, उनके कथा साहित्य में इसका जीवंत चित्रण दिखता है। उनकी आस्था गरीबों और किसानों के जीवन के प्रति गहरी संवेदना रूप में दिखती है। इस अवसर पर कॉलेज के छात्रों नें भी प्रेमचंद और उनकी रचनाओं पर अपने विचार रखे। गवर्निंग बॉडी के सदस्य सुबीर साहा ने प्रेमचंद के अवदान पर प्रकाश डाला। कार्यकम का कुशल संचालन हर्ष गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन गौतम दास ने किया। इस आयोजन में कॉलेज के प्राध्यापक प्रो॰ रमा डे नाग, प्रो॰ अरूप बख्शी, डॉ महाश्वेता भट्टाचार्य, अर्नब देब नारायण राय, कावेरी कर्मकार, मर्सी हेम्ब्रम, मो. फहाद हक और अभिजीत पात्रा आदि के साथ-साथ तृणमूल छात्र परिषद के भूषण प्रसाद सिंह , आनंद रजक, अमित सिंह, आकाश राय, अंकित सिंह, इंतखाब आलम, प्रियांशु सिंह, अभिजीत सिंह, अंकित सिंह, सुष्मिता सिंह, प्रीति राय, हर्ष कोठारी, हेमंत सोनी, स्वीटी कुमारी, अविनाश मिस्त्री आदि छात्र उपस्थित थे।