नयी दिल्ली । बड़ी संख्या में उड़ान रद्द होने के कारण सरकारी जांच का सामना कर रही बजट एयरलाइन इंडिगो को 58.75 करोड़ रुपए की टैक्स नोटिस मिली है। यह जानकारी एयरलाइन की ओर से शुक्रवार को दी गई। एयरलाइन ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि यह नोटिस वित्त वर्ष 2020-21 के लिए दिल्ली दक्षिण के सीजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त की ओर से दिया गया है। फाइलिंग में इंडिगो की प्रवर्तक कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड ने कहा कि उसे गुरुवार (11 दिसंबर) को टैक्स पेनल्टी ऑर्डर प्राप्त हुआ, जिसमें जीएसटी की मांग के साथ-साथ जुर्माना भी शामिल है।
एयरलाइन यह टैक्स नोटिस ऐसे समय पर मिला है, जब इंडिगो इस महीने की शुरुआत में बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने के कारण मुश्किलों का सामना कर रही है।
इससे पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो पर बड़ा एक्शन लिया है और उन चार फ्लाइट निरीक्षकों को निकाल दिया है, जो कि इंडिगो की सुरक्षा और ऑपरेशनल मानकों के लिए जिम्मेदार थे।
इसके अलावा विमानन नियामक ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को समन भेजा है और उन्हें शुक्रवार को अधिकारियों के समक्ष फिर से पेश होने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण और निगरानी ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने के बाद डीजीसीए ने निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है।
नियामक ने अब इंडिगो के गुरुग्राम कार्यालय में दो विशेष निगरानी दल तैनात किए हैं ताकि एयरलाइन के संचालन पर कड़ी नजर रखी जा सके।
यह दल प्रतिदिन शाम 6 बजे तक डीजीसीए को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। एक दल इंडिगो के बेड़े की क्षमता, पायलटों की उपलब्धता, चालक दल के उपयोग के घंटे, प्रशिक्षण कार्यक्रम, ड्यूटी विभाजन पैटर्न, अनियोजित अवकाश, स्टैंडबाय क्रू और चालक दल की कमी के कारण प्रभावित उड़ानों की संख्या की निगरानी कर रहा है।
दूसरा दल यात्रियों पर संकट के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें एयरलाइन और ट्रैवल एजेंट दोनों से रिफंड की स्थिति, नागर विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के तहत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, समय पर उड़ान भरना, सामान की वापसी और समग्र रद्दीकरण की स्थिति की जांच करना शामिल है।





