देश में पिछले दिनों असहिष्णुता के मसले पर छिड़ी बहस के बीच उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने रविवार को कहा है कि समाज में सवाल उठाना तथा आलोचना करना भी एक तरह की असहिष्णुता मान ली गई है।
स्थिति यह है कि अलग राय रखने वाले लोगों को या तो बहिष्कृत कर दिया जाता है या फिर उनकी हत्या हो जाती है। साथ ही उन्होंने अतार्किक आस्था तथा विश्वास पर भी चोट की।
एक कार्यक्रम के दौरान अंसारी ने कहा कि अवैज्ञानिक पूर्व धारणाओं पर आधारित तर्कहीन आस्था तथा विश्वास और संदिग्ध संस्थाएं अब भी कायम हैं।