-ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन ने जारी किया फतवा
नयी दिल्ली । कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों से धर्म पूछकर की गई उनकी निर्मम हत्या करने की आतंकी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस आतंकी घटना पर देश के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों आतंकियों को बदला लेने के लिए एकमत नजर आए। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक जंग में एक अलम फतवा निकाला गया है। जिसमें लोगों से आतंकियों दो गज जमीन भी नहीं देने के लिए कहा गया है। यह फतवा आतंकियों के खिलाफ देश की एकजुटता को दिखाता है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (एआईआईओ) की तरफ से यह फतवा जारी किया गया है। इस फतवे में आतंकियों की मौत पर नमाज-ए-जनाजा ( दफनाने से पहले पढ़ी जाने वाली नमाज) और कब्र की जगह देने को प्रतिबंधित किया गया है।एआईआईओ प्रमुख के चीफ इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी की ओर से जारी फतवे में कहा गया है कि आतंकियों की मौत पर नमाज-ए-जनाजा और उन्हें कब्र में जगह देना इस्लाम के विरूद्ध है, क्योंकि इस्लाम हिंसा का नहीं शांति का मार्ग दिखाता है और आतंकी इस्लाम को अपने कृत्यों से विश्वभर में बदनाम कर रहे हैं। चीफ इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी ने बताया कि फतवे में कहा गया है यदि कोई आतंकी देश में मारा जाता है तो उसके जनाजे की नमाज कोई इमाम या काजी नहीं पढ़ाएगा। आतंकियों को भारत की जमीन पर कब्र में भी जगह नहीं दी जाएगी। एक अन्य फतवे में पाकिस्तान परस्त प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नाम को इस्लाम विरूद्ध बताते हुए कहा गया है कि ये दोनों आतंकी संगठन अल्लाह का नाम रखे हुए हैं। यह गैर इस्लामिक है।