नई दिल्ली : रेलवे बोर्ड ने हाल ही में एक नई शौचालय नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत अब रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर बने शौचालयों में न सिर्फ यात्रियों को बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों को कम दामों पर कंडोम और सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराए जाएंगे।
नीति में कहा गया है कि स्टेशन परिसर के अंदर तथा बाहर शौचालयों की कमी के कारण आसपास के क्षेत्रों खासतौर पर झुग्गी बस्ती और गांवों में रहने वाले लोग अकसर खुले में शौच करते हैं जिससे गंदगी फैलती है और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। देश की करीब 82 प्रतिशत महिलाएं आज भी सेनेटरी नैपकिन से दूर हैं।
इसमें कहा गया कि इन समस्याओं से निपटने के लिए रेलवे स्टेशन परिसरों का इस्तेमाल महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय वाला सुविधा केन्द्र बनाने में करेगा। यहां मासिक धर्म से जुड़ी साफ-सफाई तथा गर्भ निरोधक के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी। नई नीति के अनुसार, प्रत्येक सुविधा केन्द्र में कम दामों में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन और उसके निपटान की सुविधा तथा पुरुषों को कंडोम देने की सुविधा होगी।
नीति के तहत प्रत्येक स्टेशन में ऐसे दो केन्द्र होंगे। पहला स्टेशन के अंदर और दूसरा स्टेशन के बाहर जिससे इसका इस्तेमाल स्टेशन आने वाले और आसपास रहने वाले दोनों की प्रकार के लोग कर सकें। इसके अलावा प्रत्येक केन्द्र में महिला, पुरुष और दिव्यांगजनों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे। इसमें कहा गया है कि 8500 स्टेशनों पर इस प्रकार की सुविधा केन्द्रों के निर्माण के लिए धन सीएसआर कोष से आएगा।