हिन्दी मेला बना नयी उम्मीद, नये उत्साह से भरा सांस्कृतिक अभियान

कोलकाता : 23वें हिंदी मेले का समापन 1 जनवरी को नयी उम्मीद और नये उत्साह के साथ हुआ। अपराजिता आपको सातों दिन की सिलसिलेवार खबर यहाँ दे रही है।

उद्घाटन सत्र और लघु नाटक प्रतियोगिता

मेले की शुरुआत लघु नाटक प्रतियोगिता में नाट्य प्रदर्शन के साथ शुरू हुई। हिंदी मेले का उद्घाटन वरिष्ठ पत्रकार विश्वंभर नेवर ने किया। मिशन के अध्यक्ष, हिंदी शिक्षाविद् और लेखक डॉ शंभुनाथ ने कहा कि हिंदी मेला विभिन्न भाषाओं का एक जंक्शन है। यह सभी को जोड़ने का सांस्कृतिक अभियान है। यह पश्चिमी संस्कृति और हर तरह की कट्टरता के प्रति सचेत करते हुए मानवता का संदेश देता है और युवा सृजनात्मकता मंच है। सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन के महासचिव डॉ राजेश मिश्र ने कहा कि स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों का यह हिंदी मेला युवाओं को स्वस्थ भारतीय संस्कृति से जोड़ता है। और हम अब रजत जयंती वर्ष के करीब पहुंच गए है। प्रो. संजय जायसवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दिन अमाजीत बसु को उनकी नाट्य सेवाओं के लिए माधव शुक्ल नाट्य सम्मान प्रदान किया। माधव शुक्ल करीब सौ साल पहले कोलकाता में हिन्दी नाटक शुरू करने वालों में थे। प्रतियोगिता में शिखर सम्मान प्रोसेनियम आर्ट सेन्टर को मिला। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता डॉ रामाशंकर सिंह, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री नेहा चौबे (जे. के. चौबे पुरूलिया), श्रेष्ठ निर्देशक – सुमिता चट्टोराज (महाराजा मनींद्र चंद्र कॉलेज), श्रेष्ठ बाल कलाकार – गोविन्द पांडेय (श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी विद्यालय) द्वतीय प्रस्तुति औरत नाटक, आर.बी. सी सांध्य विद्यालय एव तृतीय प्रस्तुति बकरी नाटक, आर्य कन्या महाविद्यालय को मिला। पहले दिन डॉ. अनिता राय और ममता पांडेय कार्यक्रम का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.  सुमिता गुप्ता ने दिया।

काव्य आवृत्ति

हिन्दी मेला के दूसरे दिन काव्य आवृत्ति मेला सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। काव्य आवृत्ति मेला में लगभग 60 संस्थानों के 200 विद्यार्थियों ने निराला, दिनकर, अज्ञेय, मुक्तिबोध, नागार्जुन, त्रिलोचन, भवानीप्रसाद मिश्र, धूमिल, कुंवर नारायण, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, केदारनाथ सिंह, राजेश जोशी, अवतार सिंह पाश, अरूण कमल, अनामिका आदि की कविताओं पर आवृत्ति प्रस्तुत की। इस प्रतियोगिता में राज्यवर्द्धन, प्रियंकर पालीवाल, ऋतेश पांडेय, सुनीता श्रीवास्तव, धर्मदेव दुबे एवं संजय राय बतौर निर्णायक उपस्थित रहे। इस प्रतियोगिता के शिशु वर्ग में शिखर सम्मान रौनक पांडेय, डॉन बास्को स्कूल,प्रथम पुरस्कार अर्पिता साव, हरिप्रसाद प्राईवेट स्कूल,द्वितीय पुरस्कार लिज्जा कर्मकार,कांचड़ापाड़ा हारनेट स्कूल एवं वर्षा  जायसवाल,हरिप्रसाद प्राईवेट स्कूल,तृतीय पुरस्कार अलीना परवीन,टर्निग पाइंट स्कूल,प्रथम प्रोत्साहन पुरस्कार शांतनु विश्वास एवं रिद्दीमान सिंह, हरियाणा विद्यामंदिर, द्वितीय प्रोत्साहन पुरस्कार श्रेया पांडेय, अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन, स्नेहा सिंह, सेंट्रल मॉडल स्कूल एवं ईशिका धानुका, मार्डन हाई स्कूल।

वर्ग अ का शिखर सम्मान प्रकाश यादव, सेंट ल्यूक डे स्कूल, प्रथम स्थान अनिरुद्ध सिंह, हरियाणा विद्यामंदिर, द्वितीय प्रियांशु मिश्रा, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी  विद्यालय,तृतीय अंजलि रावत को, प्रथम विशेष पूजा अग्रवाल, सेंट ल्यूक डे स्कूल एवं जेबा परवीन, कांकीनाड़ा आर्य विद्यालय, द्वितीय विशेष प्रमोद तिवारी,तृतीय विशेष अश्विका सिंह, श्री शिक्षायातन, चतुर्थ विशेष नेहल मोदी, महादेवी बिरला वलर्ड अकादमी, पंचम विशेष संजना जायसवाल, गुरुकुल ग्लोबल स्कूल।

वर्ग क में शिखर सम्मान, देवेश मिश्रा,बीएचके जैन कॉलेज को, प्रथम स्थान राहुल गौड़, कलकत्ता विश्वविद्यालय को, द्वितीय स्थान रूम्पा कुमारी साव, वर्दवान विश्विद्यालय,तृतीय स्थान शुभस्वपन  मुखोपाद्याय,बेथुन कॉलेज, प्रथम विशेष रवि पंडित, आर बी सी सांध्य कॉलेज को, द्वितीय विशेष गीतांजलि साव, सेंट कैथेड्रल कॉलेज, तृतीय विशेष श्वेता तिवारी, सूरजमल जालान कॉलेज, चतुर्थ विशेष सलोनी शर्मा, खड़गपुर कॉलेज को मिला।

चित्रांकन, कहानी पोस्टर व हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता

हिन्दी मेला के तीसरे दिन चित्रांकन, कहानी पोस्टर एवं हिन्दी ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 70 संस्थानों के लगभग 300 प्रतिभागियों ने भाग लिया। चित्रांकन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने पर्यावरण विषय पर सुन्दर तस्वीरें बनाई। कहानी पोस्टर में प्रेमचन्द की कई कहानियों पर आकर्षक पोस्टर बनाए गए। चित्रांकन शिशु वर्ग का शिखर सम्मान लोपामुद्रा सेन, ओरियंटल पब्लिक स्कूल, प्रथम स्थान वर्षा जायसवाल, हरप्रसाद प्राइमरी इंस्टीट्यूशन, द्वितीय स्थान, श्वेता जायसवाल, घोष मेमोरियल प्राइमरी स्कूल एवं लावण्या साव, तीसरा स्थान विद्या दास, चौथा स्थान अर्पिता दास, हरप्रसाद प्राइमरी इंस्टीट्यूशन औऱ तृषा साव, ब्रह्मो बालिका शिक्षा सदन को पाँचवा स्थान मिला। वर्ग अ का शिखर सम्मान, सुनीता कुमारी चौरसिया, प्रथम स्थान अतुल दुसाद, गौरीपुर हिन्दी हाई स्कूल, राजीव कुमार माझी, चाँपदानी आर्य विद्यापीठ, तीसरा स्थान समृद्धि साहा, राममोहन मिशन स्कूल एवं ईशा शर्मा, आर्य कन्या महाविद्यालय, असगर अंसारी, कांकिनाड़ा हिमायतुल गुर्बा हाई स्कूल, सुनीता कुमारी साव, सेठ आनंदराम जयपुरिया कॉलेज, मो. कैफ अंसारी, गन एंड शेल फैक्ट्री हाई स्कूल एवं तितिक्षा नसकर को सांत्वना पुरस्कार मिला।

कहानी पोस्टर में शिखर सम्मान संजय ठाकुर, सुरेनद्रनाथ सांध्य कॉलेज, प्रथम पुरस्कार रहमत अली, हिमायुतल गुर्बा हाई स्कूल एवं शुभम कुमार सिंह, आशुतोष कुमार सिंह को तृतीय स्थान मिला।

ज्ञान प्रतियोगिता वर्ग अ का शिखर सम्मान चाँपदानी आर्य विद्यापीठ दल को मिला। वर्ग क का शिखर सम्मान दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय को और सर्वोत्तम श्रोता समृद्धि साहा को मिला।

काव्य संगीत, लोकगीत

23 वें हिंदी मेला के चौथे दिन काव्य संगीत, लोकगीत और आशु भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। 50 संस्थाओं के लगभग 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। काव्य संगीत मेला में भक्ति काव्य संगीत के लिए भक्तिकाल के कवियों में से और आधुनिक काव्य संगीत में से प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी, नागार्जुन, नजीर अकबराबादी, फ़ैज अहमद फ़ैज,   दुष्यंत कुमार और शिव मंगल सिंह ‘सुमन’ के गीतों का गायन किया गया। काव्य संगीत प्रतियोगिता में शिखर सम्मान महाराजा मनींद्रचंद्र कॉलेज की नैना प्रसाद को, पवि गौड़, प्रथम स्थान विश्वभारती विश्वविद्यालय, द्वितीय स्थान पर आयुष पांडेय,  तृतीय स्थान पर खुशी मिश्रा,  सुकन्या सरकार एवं मधु सिंह को विशेष पुरस्कार मिला। लोकगीत प्रतियोगिता में शिखर सम्मान दीपक कुमार ठाकुर, नीलांबर , प्रथम विशेष स्थान पर स्वीटी सिंह, रिषड़ा विद्यापीठ गर्ल्स हाई स्कूल, पवि गौड़, विश्वभारती विश्वविद्यालय द्वितीय स्थान, तृतीय स्थान आयुष पाण्डेय, डॉन बास्को हावड़ा, नैना प्रसाद महाराजा मनींद्रचंद्र कॉलेज  को चतुर्थ विशेष पुरस्कार मिला है। आशु भाषण अ वर्ग का शिखर सम्मान प्रमोद तिवारी, सेंट ल्यूक डे स्कूल, प्रथम पुरस्कार प्रियांशु मिश्रा, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी विद्यालय, द्वितीय राहुल कुमार राय, चांपदानी आर्य विद्यापीठ, तृतीय जयप्रकाश यादव, सेंट ल्यूक डे स्कूल, मुस्कान शर्मा, बालीगंज शिक्षा सदन को मिला। वर्ग क का प्रथम पुरस्कार अदिति दुबे जयपुरिया कालेज, द्वितीय राहुल गौड़, कलकत्ता विश्वविद्यालय, तृतीय देवेश मिश्रा, टी एस के जैन कॉलेज, चतुर्थ मधु सिंह, विद्यासागर विश्वविद्यालय को मिला।

राष्ट्रीय परिसंवाद

सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 23 वें हिंदी मेला में सामाजिक क्रांति के प्रेरक :शिवपूजन सहाय, राहुल सांकृत्यायन और त्रिलोचन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. दामोदर मिश्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राहुल सांकृत्यायन भारतीयता के लेखक हैं। आलोचक अरुण कुमार ने शिवपूजन सहाय के गद्य साहित्य की संवेदनाओं पर प्रकाश डाला। प्रो, श्रुति ने सामाजिक क्रांति के प्रणेता के रूप में तीनों रचनाकारों की रचनाधर्मिता पर चर्चा करते हुए कहा कि शिवपूजन सहाय  ज्ञान की खोज से ही ज्ञान के भाष्य का सृजन करते हैं। । प्रो. बसंत त्रिपाठी ने राहुल सांकृत्यायन को सामाजिक बदलाव का रचनाकार बताते हुए कहा कि भागो नहीं दुनिया को बदलो के संकल्प के साथ ही हमें आगे बढ़ना है। डॉ इतु सिंह ने कहा कि त्रिलोचन के साहित्य में परम्परा और आधुनिकता का समन्वय है। संगोष्ठी के दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए आलोचक शंभुनाथ कहते हैं कि शिवपूजन सहाय, राहुल सांकृत्यायन और त्रिलोचन का कलकत्ते से गहरा संबंध रहा है।शिवपूजन सहाय, राहुल सांकृत्यायन और त्रिलोचन तीनों ने समाज को बदलने के लिए असुविधाओं को, अनिश्चितताओं को चुना। भाषा और साहित्य को सामाजिक बदलाव के लिए जरूरी मानते हुए निश्चितताओं को त्यागने का नैतिक साहस दिखाया। । डॉ शुभ्रा उपाध्याय ने कवि त्रिलोचन को लोक जीवन की ओर उन्मुख कवि मानते हुए कहा कि वे जनपदीय चेतना से संयुक्त हैं। प्रो. रमाशंकर सिंह ने कहा कि त्रिलोचन का रचना संसार वैविध्यपूर्ण है। उनकी कविताओं में जीवन की सहजता और मानवीय संवेदना के प्रति गहरी आस्था है। इस अवसर पर शोधार्थी दीक्षा गुप्ता, निखिता पांडे, पूजा गुप्ता, इबरार खान, नवोनीता दास ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सफल संचालन संजय राय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ विवेक सिंह ने दिया।

युवा शिखर सम्मान व पत्रकारिता सम्मान

सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 23 वें हिंदी मेले में नववर्ष का अभिनंदन हिंदी मेला में युवाओं ने उदार भारतीय संस्कृति को बचाने के संकल्प के साथ किया। इसके अलावा बेटी नहीं है बोझ, अब तो बदलो सोच की आवाज भी गूंजी। सात दिवसीय हिंदी मेला के समापन के अवसर पर डॉ शंभुनाथ,  प्रो संजय जायसवाल, रामनिवास द्विवेदी, डॉ अवधेश प्रसाद सिंह, डॉ विवेक सिंह, डॉ गीता दुबे, डाॅ शुभ्रा उपाध्याय, अजय महमिया, रितेश पांडे ने अपने विचार रखे। इस दिन काव्य आवृत्ति, लोकगीत, काव्य नृत्य, काव्य संगीत के विजयी प्रतिभागियों की सुंदर प्रस्तुतियां हुईं और हिंदी मेला साहित्यिक गरिमा से मुखरित हो उठा। लगभग डेढ़ सौ विजयी प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न, नगद राशि और प्रमाण पत्र दिया गया। मेले में युगल किशोर सुकुल पत्रकारिता सम्मान वरिष्ठ पत्रकार श्री राधाकृष्ण प्रसाद को दिया गया।

 

 

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