सेना पुलिस में पहली बार शामिल होंगी महिलाएं, 874 भर्तियों को मंजूरी

नई दिल्ली.देश की रक्षा मंत्री निर्मला ने पद सम्भालते ही सेना में महिलाओं के आगमन का रास्ता साफ कर दिया है। आर्मी में महिला सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए पहली बार मिलिट्री पुलिस में 874 महिलाओं की भर्ती को मंजूरी मिली है। इसके मुताबिक, हर साल 52 महिलाएँ पुलिस में शामिल होंगी। बता दें कि सेना प्रमुख विपिन रावत कहा था कि कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान कई बार महिलाएं आतंकियों की ढाल बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे निपटने के लिए भी मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की जरूरत है।

अगले साल से शुरू होगी भर्ती…

शुक्रवार को लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने बताया कि अपराध और लैंगिक आरोपों की जांच के लिए लंबे वक्त से मिलिट्री पुलिस में महिला अफसरों की जरूरत महसूस हो रही थी। मिलिट्री पुलिस में शामिल होने वालीं महिला सैनिकों की ट्रेनिंग भी पुरुष सैनिकों की तरह 62 सप्ताह की होगी। भर्ती प्रक्रिया अगले साल से शुरू होगी, फिलहाल इसके ब्लू प्रिंट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटना आसान होगा: रावत

सेना प्रमुख विपिन रावत ने जोर देकर मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की जरूरत की बात कही थी। वे 10 जून को देहरादून की इंडियन मिलिट्री एकेडमी में पासिंग आउट परेड में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा था कि आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान जवानों के सामने महिलाएं ढाल बनकर सामने आ जाती हैं। लिहाजा, परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए हम सबसे पहले मिलिट्री पुलिस में महिला सैनिकों की भर्ती करेंगे। हमारे रैंक में जवान और सरदार साहेबान होते हैं। उस रैंक में भी महिला सैनिकों की जरूरत है।

क्या है मिलिट्री पुलिस?

नेवी, एयरफोर्स की तरह सेना की स्पेशल पुलिस है, जो 1942 में बनाई गई। इसके सैनिकों की ड्रेस में लाल टोपी और सफेद बेल्ट होता है। बाजू पर काला बैच लगा होता है।  मिलिट्री पुलिस का मुख्य काम जवानों के बीच अनुशासन बनाए रखना है ताकि सेना का स्तर और मनोबल बरकरार रहे। इसके अलावा कैंट एरिया में पुलिसिंग, युद्ध और शांति के दौरान जवानों के लिए सामान भेजने, युद्ध बंदियों की निगरानी, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सिविल पुलिस के साथ संयोजन की जिम्मेदारी होती है। इसके साथ ही सेना प्रमुख को सुरक्षा देना, आर्मी के डिविजनल कमांडर्स, कोर कमांडर्स, आर्मी कमांडर्स के लिए पायलट वाहन मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी होती है। बता दें कि, फिलहाल सेना के मेडिकल, लीगल, एजुकेशनल, सिग्नल्स और इंजीनियरिंग विंग में महिलाओं की भर्ती अफसर रैंक पर होती है।

 

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